आरोपों से घिरने के बाद सारण से हटाए गए डीआईजी आलोक कुमार को पटना छोड़ने से पहले पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों से इजाजत लेनी होगी.
बगैर इजाजत के वे राजधानी से बाहर नहीं जा सकते. राज्य सरकार ने सोमवार को डीआईजी आलोक कुमार का तबादला पुलिस मुख्यालय में करते हुए उन्हें पदस्थापना की प्रतीक्षा में रखा है. मौजूदा परिस्थिति में उनके पास भले ही कोई काम न हो लेकिन वे मुख्यालय छोड़कर अपनी मर्जी से बाहर नहीं जा सकते.
राजधानी से बाहर जाने की सूरत में उन्हें पहले वरीय अधिकारियों को आवेदन देकर इजाजत लेनी होगी. नियमों के तहत आवेदन दिए बगैर यदि वे पटना से बाहर जाते हैं तो उसे कर्तव्य से अनुपस्थित मानते हुए प्रशासनिक कार्रवाई हो सकती है. डीआईजी आलोक कुमार के आवाज का वॉयस स्पेक्ट्रोग्राफी टेस्ट भी कराया जा सकता है. हालांकि इसके लिए जांच अधिकारी को पहले अदालत से इजाजत लेनी होगी. टुन्ना जी की शिकायत के बाद मोबाइल सर्विलांस के दौरान रिकॉर्ड की गई डीआईजी की बातचीत और उनके वास्तविक आवाज के मिलान के लिए जरूरी हुआ तो
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