विदेशी कंपनियों को देश में किराना दुकानें चलाने के लिये पूंजी लगाने की अनुमति दिये जाने के खिलाफ राजनीतिक दल एकजुट हो रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल (यू) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मंगलवार 15 जनवरी को दिल्ली में एक मंच पर जुटे. इन सभी पार्टियों ने सरकार के इस कदम के खिलाफ बिगुल बजाकर निर्णायक अभियान छेड़ने का ऐलान किया.
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, जनता दल (यू) के अध्यक्ष और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक शरद यादव तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता ए.बी. वर्धन ने एक मंच पर खड़े होकर खुदरा व्यापार में एफडीआई का विरोध किया और मिलकर इस आंदोलन हो आगे बढ़ाने पर सहमति जताई. उन्होंने आगामी 7 मार्च को खुदरा एफडीआई के खिलाफ होने वाली रैली का भी समर्थन करने की घोषणा की.
इस कार्यक्रम का आयोजन व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा किया गया. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने इस अवसर पर कहा, "खुदरा व्यापार में एफडीआई के खिलाफ यह लड़ाई अब वोट की लड़ाई बन चुकी है और आगामी सात मार्च को देशभर के व्यापारियों की महारैली होगी जिसमें विभिन्न दलों के राष्ट्रीय नेताओं को आमंत्रित किया गया है."
मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि वामदल और अनेक क्षेत्रीय पार्टियां खुदरा व्यापार में एफडीआई की अनुमति के खिलाफ एकजुट हुई हैं. हालांकि, उन्होंने इस बारे में किसी तरह का राजनीतिक गठबंधन बनाये जाने से इनकार किया. उन्होंने कहा ‘‘यह एकजुटता केवल खुदरा में एफडीआई के खिलाफ लड़ाई में है.’’
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