पाकिस्तान के PM को गिरफ्तार करने का आदेश. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 15 जनवरी 2013

पाकिस्तान के PM को गिरफ्तार करने का आदेश.


पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट ने वहां के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया है. प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी रेंटल पॉवर में भ्रष्टाचार के आरोप के तहत करने का आदेश दिया गया है.जल एवं विद्युत मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बिजली परियोजनाओं को लेकर पाक पीएम भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान तीन सदस्यों पीठ ने यह आदेश दिया. इस पीठ की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट से मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी कर रहे थे.

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो को इस मामले में प्रधानमंत्री के साथ ही 16 अन्य लोगों को 24 घंटे की भीतर गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया गया है. कोर्ट ने इस मामले में प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की गिरफ्तारी के बाद रिपोर्ट सौंपने को कहा.

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी [पीपीपी] की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए नामित राजा परवेज अशरफ का संबंध रावलपिंडी के शाही परिवार से हैं. 61 वर्षीय अशरफ पीपीपी के को-चेयरमैन रह चुके हैं. अशरफ 2002 और 2008 में नेशनल असेंबली (संसद के निचले सदन) के लिए रावलपिंडी जिले के गुजार खान निर्वाचन क्षेत्र से विजयी हुए.

नौ फरवरी 2011 में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था. हालांकि 2012 में उनकी फिर से मंत्रिमंडल में वापसी हुई थी. इस बार उन्हें सूचना एवं तकनीक मंत्रालय सौंपा गया. बाद में परवेज अशरफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लिया. 

गौरतलब है कि पाकिस्तान गृहयुद्ध जैसे हालात से गुजर रहा है.पाकिस्तान में 15 जनवरी को तहीरुल कादरी के नेतृत्व में हजारों लोगों ने किया पाकिस्तान की संसद का घेराव कर रखा है और संसद तथा सभी राज्य सरकारों को भंग करने के लिए सुबह ग्यारह बजे तक का अल्टीमेटम दिया है था. ऐसा लगता है मौलाना कादरी को सेना को समर्थन हासिल है.

कोई टिप्पणी नहीं: