संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के परिवार का कहना है कि उन्हें इसके सम्बंध में पहले से सूचित नहीं किया गया। अफजल के परिवार ने उसके शव की मांग की है। अफजल के चचेरे भाई यासीन गुरु ने फोन पर आईएएनएस से कहा, "यह बिल्कुल बेबुनियाद बात है कि हमें फांसी से पहले इसकी जानकारी दी गई थी। हमें इसकी जानकारी मीडिया से मिली।" यासीन ने कहा कि उसके परिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा उसकी दया याचिका खारिज किए जाने की खबर नहीं दी गई थी।
यासीन ने कहा, "मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मेरे भाई के साथ न्याय नहीं किया गया।" उनके मुताबिक अफजल की पत्नी तबस्सुम गहरे सदमे में हैं। उन्होंने कहा, "वह और पूरा परिवार अब उनका शव चाहता है।" अफजल को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद जेल परिसर में ही दफना दिया गया।
यासीन ने कहा, "न सिर्फ परिवार बल्कि पूरा कश्मीर फांसी की खबर से सदमे और गहरे दुख की स्थिति में है।" उत्तरी कश्मीर के सोपोर के रहने वाले अफजल को 13 दिसम्बर, 2001 को संसद हमले में उसकी भूमिका साबित होने पर मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति निर्मित हो गई थी।
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