चंडीगढ़ की एक स्थानीय अदालत ने अधिकारियों द्वारा बरामद किए गए ड्रग की चोरी करने के मामले में एक निलंबित आईपीएस अधिकारी को 13 साल कैद की सजा सुनाई है। 1995 कैडर के अधिकारी साजी मोहन और चार अन्य लागों के खिलाफ 2009 में मामला दर्ज किया गया था। घटना के समय साजी शहर में नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक के तौर पर कार्यरत थे। उन्हें यहां सेक्टर 2 में एनसीबी के मुख्यालय के स्टोररूम में रखी जब्त की गयी सामग्री में से हेरोइन की चोरी का दोषी पाया गया।
विशेष अदालत की न्यायाधीश शालिनी सिंह नागपाल ने साजी मोहन को बीते शुक्रवार को दोषी करार दिया था और सजा सोमवार को सुनाई। मुंबई के आतंकवाद रोधी दस्ते ने सबसे पहले साजी मोहन पर मामला दर्ज किया था। साजी को 12 किलोग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा गया था। बाद में एनसीबी चंडीगढ़ की जांच में साजी को पंजाब और जम्मू के अलग अलग स्थानों से जब्त हेरोइन की चोरी में लिप्त पाया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें