बैंकों ने कर्ज नहीं चुकाने वालों के नाम, पते व फोटो अखबारों में छपवाने का फैसला किया है. प्रमुख बैंक एसबीआई ने इस दिशा में पहल भी कर दी है. इसके साथ ही बैंक कर्जदार के बारे में नोटिस के 15 दिन में बकाया नहीं चुकाये जाने पर गारंटी देने वालों के फोटो, नाम पते व अन्य जानकारी भी अखबारों में प्रकाशित करवाएंगे. एक प्रमुख बैंक के आला अफसर ने बताया कि कुछ बैंकों ने जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वालों के फोटो तथा ब्यौरा उनके इलाकों में प्रमुखता से प्रचारित प्रसारित करने का फैसला किया है.
एसबीआई ने इस दिशा में कदम उठाते हुए पांच ऐसे कर्जदारों के फोटो व ब्यौरा राष्ट्रीय राजधानी के अखबारों में प्रकाशित करवाया है. इन लोगों ने बैंक से तीन लाख रुपये (प्रत्येक) का निर्यात रिण लिया था. बैंक का उन पर बकाया 2.6 लाख रुपये से 2.93 लाख रुपये तक है.
कुछ और बैंकों के कार्यपालकों ने कहा है कि वे ऋण चुकाने में आनाकानी करने वालों के नाम व फोटो उन अखबारों में छपवायेंगे जो उनके इलाके में वितरित होते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के हिसाब से जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों में वे कर्जदार आते हैं जो पर्याप्त नकदी प्रवाह तथा अच्छे निवल मूल्य के बावजूद बैंक को बकाये का भुगतान नहीं करते.
भारतीय रिजर्व बैंक ने जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वालों से जुड़ी जानकारी का प्रचार प्रसार के लिए एक प्रणाली पहले ही लागू की है ताकि दूसरे बैंकों व वित्तीय संस्थानों को सचेत किया जा सके तथा इन कर्जदारों को और कर्ज नहीं मिले. अब बैंकों ने ऐसे रिण चूककर्ताओं के फोटो व ब्यौरा अखबारों में छपवाने का फैसला किया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट इन्फोर्मेशन ब्यूरो (सिबिल) से भी जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों की सूची प्रकाशित करने को कहा है. यह सूची 25 लाख रुपये या अधिक राशि वाले चूककर्ताओं की होगी. सिबिल के डेटाबेस के अनुसार जानबूझकर रिण का भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ 31 दिसंबर 2012 तक कुल मिलाकर 123 मामले दर्ज किए जो 2,993.22 करोड़ रुपये की राशि से जुड़े हैं.
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