प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को यह विश्वास दोहराया कि विकास दर फिर से सात से आठ फीसदी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सरकार के काम का मूल्यांकन करते वक्त वस्तुनिष्ठ होना चाहिए। विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि ईष्र्यालु व्यक्ति हर काम की निंदा करता है। मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में कहा, "मैं नेता विपक्ष अरुण जेटली की इस बात से सहमत हूं कि गरीबी मिटाने के लिए सात से आठ फीसदी विकास दर की जरूरत है। मैं सदन को याद दिलाना चाहता हूं कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार यही करना चाहती है।"
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही बहस का जवाब देते हुए उन्होंने सरकार की लगातार निंदा करने के लिए विपक्ष पर प्रहार किया। सिंह ने कहा, "व्यक्ति में जब ईष्र्या भरी होती है तो वह अच्छे या बुरे, हर काम की निंदा करता है।" उन्होंने जेटली को बुद्धिमान और विवेकी व्यक्ति बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता को संप्रग सरकार के प्रदर्शन की निंदा करते वक्त अधिक वस्तुनिष्ठ होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि विकास दर फिर से उछल कर सात से आठ फीसदी हो जाएगी। यदि नेता विपक्ष और सहयोगी शांतिपूर्वक विचार करें तो पाएंगे कि हमारे द्वारा अपनाया गया रास्ता सही रास्ता है।" उन्होंने कहा कि संप्रग का रिकार्ड खुद ही बोलता है। उच्च सदन ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव स्वीकार किया। लोकसभा ने बुधवार को धन्यवाद प्रस्ताव स्वीकार किया था। मनमोहन सिंह ने बुधवार को लोकसभा में भी विपक्ष पर करारा प्रहार किया था।
जेटली ने आरोप लगाया था कि संप्रग सरकार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में दर्ज तेज विकास के बाद कम विकास दिया है। इस पर मनमोहन सिंह ने दोनों ही सरकारों के कार्यकाल की साल-दर-साल विकास दर का ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि राजग सरकार के आखिरी वर्ष में ही विकास दर 8.1 फीसदी पर पहुंच पाई। लेकिन यूपीए सरकार के नौ में से चार सालों में विकास दर नौ फीसदी से अधिक रही और मौजूदा कारोबारी साल में ही यह पांच फीसदी तक आ सकती है।
उन्होंने कहा, "हमारा अनुमान है कि दो से तीन सालों में यह फिर से सात से नौ फीसदी हो जाएगी।" राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र के बारे में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाएगी। बहस के बाद जेटली ने संक्षेप में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने संप्रग सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया।
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