भारत ने देश में विकसित मध्यम दूरी तक मार करने वाली सब सोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से मंगलवार को पहली बार परीक्षण किया। अपने पहले परीक्षण में निर्भय क्रूज मिसाइल निशाना साधने में चूकी। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस मिसाइल का परीक्षण आज सुबह किया गया। परीक्षण के बाद सब सॉनिक क्रूज मिसाइल निर्भय अपने लक्ष्य से भटक गया। जिसके बाद निर्भय को रास्ते में ही नष्ट करने का निर्णय लिया गया।
लंबी दूरी तक मार करने वाले एक क्रूज मिसाइल का परीक्षण मंगलवार को उस समय बीच में समाप्त कर दिया गया, जब प्रक्षेपास्त्र निर्धारित मार्ग से भटक गया। लेकिन रक्षा विज्ञानियों ने दावा किया है कि प्रक्षेपास्त्र ने अपने मिशन के उद्देश्यों सफलतापूर्वक पूरा किया। ध्वनि से कम गति वाले इस प्रक्षेपास्त्र को मंगलवार सुबह 11.50 बजे यहां से 230 किलोमीटर दूर बालासोर जिले के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से छोड़ा गया।
इस प्रक्षेपास्त्र को विकासित करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रवक्ता रवि कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रक्षेपास्त्र ने मिशन के मूल उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। लगभग आधी दूरी तय करने के बाद प्रक्षेपास्त्र के पूर्व निर्धारित मार्ग में विचलन दिखा। इसके बाद तटीय सुरक्षा सुनिश्चित कराने के मद्देनजर प्रक्षेपास्त्र की आगे की उड़ान रद्द कर दी गईं।"
परीक्षण केंद्र के निदेशक एम.वी.के.वी. प्रसाद ने कहा कि यह परीक्षण प्रक्षेपास्त्र प्रणाली की जांच के लिए किया गया था। परीक्षण से प्राप्त परिणामों के आधार पर इसमें सुधार किया जा सकता है। इस प्रक्षेपास्त्र को अमेरिकी प्रक्षेपास्त्र टोमहाक के समतुल्य बताया जा रहा है। टोमहॉक किसी हवाई जहाज की तरह उड़ान भर सकता है तथा 1,000 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है।
इससे पहले, रक्षा सूत्रों ने बताया कि मिसाइल पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 54 मिनट पर आईटीआर के प्रक्षेपण स्थल-3 से एक मोबाइल लॉंचर के जरिए दागी गई। शीर्ष रक्षा वैज्ञानिकों और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इस आधुनिक मिसाइल का पहला विकासात्मक परीक्षण यहां से करीब 15 किलोमीटर दूर चांदीपुर में किया गया।
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