बिहार में सूचना पाना आसान नहीं !!! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 मार्च 2013

बिहार में सूचना पाना आसान नहीं !!!


  • बिहार में सूचना के अधिकार के तहत सूचना पाना आसान नहीं
  • राज्य सूचना आयोग को करना पड़ता है हस्तक्षेप


गया। इस जिले में जन वितरण प्रणाली की दुकान के तहत कुल डीलरों की संख्या 73 है। यहां के सभी 73 डीलर बकायेदार हैं। मात्र एक को छोड़कर कुल 72 डीलरों पर नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है। 4 लाख से ऊपर बकायेदार डीलरों की संख्या 16 है। यहां के 37 डीलरों पर प्राथमिकी दर्ज दायर की गयी है। पूरी तरह से घेरे में आ जाने के कारण डीलरों ने माननीय न्यायालय में दस्तक नहीं दिये। इसके कारण डीलरों को पारित स्थगन आदेश निर्गत नहीं किया गया है। कुल 72 डीलरों से कुल वसूली योग्य राशि 2,09,14,700.00 है। जबकि अबतक कुल राशि 3990.00 राशि वसूली गयी है। इस तरह अभी भी कुल 2,09,10,710.00 वसूली करना है।
  
यह सिर्फ एक जिले की बात नहीं है। बल्कि संपूर्ण बिहार के 38 जिलों की हालत सोचनीय है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक के द्वारा केवल मोबाइल से सूचना लेने और देने की बात करते हैं। बल्कि धरातल पर रौनक कुछ ओर ही है।  38 जिलों में डीलरों की कुल संख्या 17990 है। इनमें बकायेदार डीलरों की संख्या 8928 है। 3932 डीलरों पर नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है। 1151 डीलरों पर 4 लाख से ऊपर बकाया है। 705 डीलरों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। माननीय न्यायालय के द्वारा पारित स्थगन आदेश प्राप्त डीलरों की संख्या 519 है। अबतक 13 डीलरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 49 डीलरों की अनुज्ञप्ति रद्द किया गया है। कुल 3,26,67,75,005.83 वसूली योग्य राशि है। अबतक कुल 21,27,74.00 ही वसूली गई है। इस तरह अभी भी 3,05,40,01.83 बाकी है। 
  
सुशासन सरकार की छवि धूमिल न हो। इस लिए सूबे में सूचना के अधिकार के तहत सूचना प्राप्त करना आसान नहीं है। प्रथम लोक सूचना पदाधिकारी से सूचना मांगी जाती है। पदाधिकारी महोदय ‘खाओ गगन और रहो मगन’ में रहकर सूचना उपलब्ध नहीं कराते हैं। इसके बाद प्रथम अपील पेश किया जाता है। वे भी अपने अधीनस्थ के पदचिन्हों पर चल पड़े।सूचना देना अपमान समझते हैं। इसके बाद राज्य सूचना आयोग में दिवतीय अपील दायर किया जाता है। तब तक नौकरशाहों के द्वारा सूचना लेने वाले से धीरज की परीक्षा ले ली जाती है। इसके बाद राज्य सूचना आयोग के हस्तक्षेप करने के बाद सूचना उपलब्ध करायी जाती है। 
   
इसी दौर से सामाजिक कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय को गुजरना पड़ा। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग में जाकर सूचना के अधिकार के तहत राज्य के 38 जिलों में संचालित जन वितरण प्रणाली की दुकानों से संबंधी जानकारी मांगी थी। इसका पत्रांक 13119 है। ग्रामीण विकास विभाग (सू.) 130/2011 अंकित किया गया। ग्रामीण विकास विभाग के लोक सूचना पदाधिकारी के द्वारा एक माह के अंदर सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी। इसके बाद प्रथम अपील पेश किया गया। इस पर भी जानकारी उपलब्ध नहीं करवाने की स्थिति में सामाजिक कार्यकर्ता शिव प्रकाश ने दिवतीय अपील राज्य सूचना आयोग,बेली रोड,पटना में दायर किया। उसका परिणाम यह निकला कि राज्य सूचना आयोग,बेली रोड,पटना के ज्ञापांक-8372 दिनांक 10.10.2012,वाद संख्या 78165/12-13 में पारित आदेश के आलोक में आखिरकार अवर सचिव-सह-लोक सूचना पदाधिकारी ने सूचना उपलब्ध करा दिये। 



---अलोक कुमार---
गया 

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