दिल्ली में गूगल बिग टेंट कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गूगल के चेयरमैन एरिक श्मिट भारत आए हुए हैं जिसमें इंटरनेट विशेषज्ञ, राजनेता और कई अन्य हस्तियाँ भी हिस्सा ले रही हैं. गूगल के चेयरमैन ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भारत ने हाई-स्पीड टेलीकॉम नेटवर्क में निवेश नहीं किया है जिस वजह से वो इंटरनेट की ताकत का फायदा उठाने में बाकी देशों से बहुत पीछे है.
एरिक ने कहा है कि इंटरनेट की दुनिया में फिलहाल चीन आगे है लेकिन भविष्य में भारत अग्रणी रहेगा.इंटरनेट के भविष्य पर एरिक श्मिट ने कहा कि हर पीढ़ी के लिए कहने और बाँटने के लिए बहुत कुछ होगा.
गूगल चेयरमैन ने ये भी कहा कि आने वाले दिनों में मोबाइल के होंगे और कोई भी कंपनी स्मार्टफोन या मोबाइल एप से जुड़ी तकनीक को नज़रअंदाज़ नहीं कर पाएगी. एरिक श्मिट ने इंटरनेट के संदर्भ में भारत से जुड़े कई मुद्दों पर बात की जिसमें सरकारी नियंत्रण, भ्रष्टाचार, निजता का उल्लंघन शामिल है.
गूगल बिग टेंट में चर्चा के दौरान इंटरनेट के फायदे गिनाते हुए उन्होंने कहा, "भारत समेत कई देशों में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है. आज के युग में हर चीज़ इंटरनेट पर दर्ज हो जाती है. इसलिए अपराधों की जाँच पड़ताल करना, दोषियों को सज़ा दिलाना आसान है. शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में भी इंटरनेट का बहुत योगदान है." एरिक ने कहा, "इंटरनेट के कुछ नुकसान भी है जैसे निजता का उल्लंघन जो गंभीर समस्या है. इसके अलावा इंटरनेट पर आने वाली जानकारी का सरकारों द्वारा कथित दुरुयोग भी एक मसला है."
मेक्सिको की मिसाल देते हुए एरिक ने अपनी बात कुछ यूँ कही, “ये स्वभाविक है कि नेट के ज़रिए लोगों के बारे में तमाम जानकारियाँ जुटाई जा सकती हैं. मेक्सिको में सरकार ने नागरिकों से लेकर पुलिसकर्मियों तक के बारे में संपूर्ण डॉज़िए तैयार किया है- उनका नाम, उनका काम आदि. आज वहाँ की सरकार ने ये इसलिए किया है क्योंकि वे भ्रष्टाचार और ड्रग्स की समस्या से जूझ रहे हैं. लेकिन मुझे लगता है कि इस काम में नागरिकों के अधिकारों को ध्यान में नहीं रखा गया है.”
एरिक श्मिट का कहना था भारत के कानूनों के बारे में उन्हें पता नहीं है लेकिन ये बहुत ज़रूरी है कि इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव के बीच भारतीय कानून इस बात का ध्यान रखे कि लोगों कि निजता का उल्लंघन न हो या सरकारी स्तर पर कानून का दुरुयोग न हो. जब उनसे पूछा कि कुछ लोग ये भी कहते हैं कि गूगल की वजह से निजता का उल्लंघन हो रहा है तो उन्होंने बड़े सहज अंदाज़ में कहा, "ये सब इंटरनेट की वजह से हो रहा है. अगर गूगल न भी होता तो भी ये समस्याएँ होती. सच्चाई ये है कि इंटरनेट पर कोई डीलिट बटन नहीं है. पहले अगर कोई नाबालिग अपराध करता था तो वो रिकॉर्ड मिटाया जा सकता था ताकि बाद में उसकी ज़िंदगी प्रभावित न हो. लेकिन आज वो अपराध हमेशा के लिए इंटरनेट पर दर्ज हो जाता है."
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