भारत के अग्रणी पहलवान सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने 2020 ओलम्पिक खेलों से कुश्ती को बाहर किए जाने के विरोध में अपना पदक वापस करने की इच्छा जाहिर की है। दोनों पहलवानों का कहना है कि अगर इससे कुश्ती को फिर से ओलम्पिक में जगह दिलाने की मुहिम को बल मिलता है तो वे इसके लिए सहर्ष तैयार हैं।
सुशील और योगेश्वर ने बुल्गारिया के पहलवान वेलेतिन यार्दानोव और सागिद मुर्ताजालेव द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के इस फैसले के विरोघ में अपने पदक वापस किए जाने के बाद अपने पदक भी वापस करने का इरादा जाहिर किया है। ओलम्पिक समिति ने बीते महीने आयोजित वार्षिक बैठक में कुश्ती को 2020 के लिए चयनित प्रमुख खेलों की सूची से बाहर कर दिया था। मई में होने वाली एक बैठक में अगर कुश्ती के पक्ष में मतदान होता है तो इसे फिर से मुख्य खेलों की सूची में शामिल किया जा सकता है।
एक कार्यक्रम के दौरान योगेश्वर ने गुरुवार को कहा, "अगर हमारे पदक वापस करने से कुश्ती को कुछ फायदा होता है तो हम इसके लिए तैयार हैं। हम इस खेल की बदौलत हैं और यह खेल किसी व्यक्ति से काफी बड़ा है।" इस अवसर पर सुशील ने कहा कि उन्होंने और योगेश्वर ने एक साथ कुश्ती शुरू की थी और अब जबकि साथ मिलकर फैसला लेने का समय है तो वह अपने बचपन के साथी के साथ हैं।
बकौल सुशील, "हमने अब कुश्ती में अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया है और अब कुश्ती को ओलम्पिक से बाहर कर दिया गया है। इस खेल में कई युवा उतरे हैं और ओलम्पिक पदक जीतने के लिए तैयारी कर रहे हैं। हम उनकी मदद करना चाहते हैं।"
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