जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मंगलवार को राज्य की विधानसभा में वक्तव्य देते हुए भाव विह्वल हो उठे। उमर मंगलवार को कश्मीर के बारामूला में सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में एक युवक की मौत के बारे में बयान दे रहे थे। विधानसभा में राज्यपाल के संबोधन के बाद धन्यवाद ज्ञापन करते हुए उमर अपनी भावनाओं पर काबू खो बैठे। उमर ने कहा, "विपक्ष सदन से बाहर चला गया, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि मैं मुख्यमंत्री हूं। लेकिन कृपया मुझे बताएं कि मुझे मौतों के लिए कितनी बार न्याय दिलाने का वादा करना होगा और माफी मांगनी पड़ेगी।"
बारामूला में गोलीबारी की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए उमर ने कहा, "मुझे नहीं पता कि इस जरा सी जुलूस पर गोली चलाने की जरूरत क्यों पड़ी।"उमर ने आगे कहा, "संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद यहां काफी बड़े-बड़े धरना-प्रदर्शन हुए लेकिन किसी में भी गोली नहीं चलाई गई।" उन्होंने फिर कहा, "मैं कोई पागल नहीं हूं कि मैं सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम के समाप्त होने के बारे में सोचता हूं।"
पुलिस के अनुसार, मंगलवार को कश्मीर के बारामूला जिले में अफजल गुरु के शव की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर पथराव किए जाने के कारण उन पर चलाई गई गोली में 29 वर्षीय ताहिर लतीफ सोफी की मौत हो गई।
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