बिहार में गुड फ्राइडे की छुट्टी बहाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 22 मार्च 2013

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बिहार में गुड फ्राइडे की छुट्टी बहाल

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ईसाईयों का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार क्रिसमस,गुड फ्राइडे और ईस्टर है। इसे विष्व भर में मनाया जाता है। धीरे-धीरे यह त्योहार धर्म के दायरे से निकलकर  यूनिर्वसल हो गया है। कल तक धर्म की चहारदीवारी तक सिमटी त्योहारों का लुफ्त अब सभी कौम के लोग उठाने लगे हैं। त्योहार को लेकर जोरदार ढंग से तैयारी भी किया करते हैं। 
  
देश-विदेश-प्रदेश के सभी बैंकों में मात्रः क्रिसमस और गुडफ्राइडे के दिन एन.आई.एक्ट के तहत अवकाश प्राप्त है। इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि गुड फ्राइडे त्योहार के समय वित्तीय वर्ष की समाप्ति के किनारे में आने से गुड फ्राइडे की छुट्टी को  ही गोलकर दी जाती है। ऐसा करने से अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय को कष्ट और चोट लगने लगती है। ईसाई समुदाय के लोगों के द्वारा धर्मनिरपेक्षता को ही आधार बनाकर सवाल उठाने लगते हैं। 
  
इस संदर्भ में अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ,पटना के अध्यक्ष एस.के. लौरेंस कहते हैं कि इसके पहले भी बिहार सरकार के द्वारा अन्यायपूर्ण निर्णय लेकर गुड फ्राइडे की छुट्टी रद्द कर दी गयी है। इस निर्णय के विरोध करने एवं वास्तविकता समझाने के बाद ही सरकार समझदार बनकर फिर एन.आई. एक्ट तहत गुड फ्राइडे की छुट्टी बहाल कर दी जाती है। 

अवकाश ग्रहण करने वाले बैंककर्मी एस.के. लौरेंस ने कहा कि सिर्फ एक दिन गुड फ्राइडे के दिन अवकाश रद्द कर देने से बैंक क्लोजिंग पर कोई प्रभाव पड़ेगा। सालभर या पूरा मार्च महीने में बैंक ने क्लोजिंग को लेकर क्यों नहीं व्यवस्था कर पायी। गुड फ्राइडे के अवकाश से एक दिन पहले दो दिन का होली त्योहार है। तो फिर बैंक क्लोजिंग को देखते हुए होली के त्योहार को क्यों नहीं रद्द किया गया? इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार के द्वारा सरासर पक्षपात किया जा रहा है। 29 मार्च को गुड फ्राइडे है, 30 मार्च को शनिवार है और 31 मार्च रविवार है। क्लोजिंग करने के लिए 30 मार्च और 31 मार्च बच जाता है। अब तो जगह-जगह एटीएम की सुविधा उपलब्ध है। लोग एटीएम से भी राशि निकाल लेते हैं। इस तरह गुड फ्राइडे के दिन के अवकाश को रद्द करना अन्यायपूर्ण है। 
  
अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ,पटना और बिहार के समस्त ईसाई समुदाय की मांग है कि सरकार गुड फ्राइडे की छुट्टी बहाल करें। ऐसा नहीं करने पर ईसाई समुदाय धरना प्रदर्शन करने को बाध्य हो जाएंगे। 



---अलोक कुमार---
पटना 

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