अपने नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ठेके पर बहाल शिक्षकों के बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि इन शिक्षकों की मांग पूरी करना संभव नहीं है। क्योंकि इसके लिए 12 हजार करोड रूपये की अतिरिक्त आवयश्यक्ता पडेगी। सडक, बिजली, स्वास्थ्य एवं अन्य परियोजनाओं को छोडना होगा। क्या राज्य की जनता यह चाहेगी कि विकास कार्यों को छोडकर सारे पैसे वेतन भुगतान पर खर्च किये जायें।
उन्होंने कहा कि जब हमारी आर्थिक स्थिति सुदढ़ होगी तो हम वेतनवृद्धि पर भी विचार करेंगे। हमारे विरोधी पूर्व में इन शिक्षकों को अयोग्य करार देते हुए कहते थे कि जब उनकी सरकार आयेगी तो वे एक कलम से इन शिक्षकों की सेवा को समाप्त करेंगे, मगर अब वे इन शिक्षकों को नियमित करने की बातें कह रहे हैं, ऐसी बातों का क्या अर्थ है। बिहार में ठेके पर ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब सवा दो लाख हैं।
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