बिहार में अब योजनाओं की संख्या कम करने के लिए सरकार छोटी-छोटी योजनाओं को एकीकृत करेगी। सरकार का मानना है कि इससे योजनाओं को लागू करने में सुविधा मिलेगी। योजना और विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने शुक्रवार को बताया कि सरकार योजनाओं की संख्या कम करेगी। योजनाएं वही होंगी पर उनकी संख्या कम हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस समय राज्य में विभिन्न विभाागों से करीब 600 योजनाएं चल रही हैं। इनमें से छोटी-छोटी योजनाओं को एकीकृत किया जाएगा ताकि इससे योजनाओं को पूरा करने में सहूलियत हो।
उन्होंने कहा कि अब योजना तैयार करने में गांव की जगह बसावट (टोला) का ध्यान रखा जाएगा। इससे न केवल योजनाओं की व्यापकता बढ़ेगी, बल्कि उसके उद्देश्यों की भी पूर्ति होगी। उन्होंने बताया कि 12वीं योजना में राज्य का विकास दर करीब 13 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व ही देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ट्वीटर पर बिहार के विकास की प्रशंसा की थी। गौरतलब है कि बिहार का विकास दर वर्ष 2006-07 से 2010-11 के दौरान 10़ 9 प्रतिशत रहा है जो देश के कई राज्यों की तुलना में सबसे बेहतर है।
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