पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दावा किया कि अगले दो-तीन महीने में लोकसभा चुनाव होंगे और रेल मंत्रालय का प्रभार तृणमूल कांग्रेस के पास वापस आ सकता है. ममता ने यहां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा कि दो तीन महीने के बाद लोकसभा चुनाव होंगे. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कांग्रेस नीत यूपीए की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘यदि किसी को ऐसा लगता है कि वे बंगाल की आवाज को दबा देंगे और रेल परियोजनाओं को रोक देंगे, तो वे ऐसा नहीं कर सकते. मैंने वही किया है जो किया जाना था.’
ममता ने कहा, ‘यदि जरूरत पड़ी तो रेल मंत्रालय फिर से तृणमूल कांग्रेस के पास आ सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘जब मैं रेल मंत्री थी उस वक्त मैंने पश्चिम बंगाल में 16 फैक्टरियां लगाई.’ उन्होंने मीडिया की आलोचना करते हुए कहा, ‘जब मैं रेल मंत्री थी उस वक्त प्रत्येक दिन कुछ टीवी चैनल ट्रेनों में तिलचट्टों और चूहों के घूमने की खबरें प्रसारित किया करते थे. क्या अब ये अमेरिका चले गए हैं?’
ममता ने यूपीए सरकार की एक बार फिर भर्त्सना करते हुए उस पर डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस सिलेन्डर और उर्वरकों की ‘रोजाना’ कीमतें बढ़ाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे किसी की नहीं सुन रहे और वही कर रहे हैं जैसा वे चाहते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र कर्ज पर ब्याज के रूप में राज्य से कोषों को वापस ले रही है. ‘राज्य को राजस्व के रूप में 21,000 करोड़ रुपया प्राप्त होता है और उसे 26,000 करोड़ रूपया ब्याज चुकाना पड़ता है.’
ममता ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय पर मनरेगा के तहत आवंटित किये जाने वाले कोष को रोकने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने राज्य की पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वाम मोर्चा जब राज्य में सत्ता में थी उस वक्त इस कार्यक्रम के तहत औसतन 11 दिन का ही रोजगार मिल पाता था. लेकिन, हम जब सत्ता में आए तब हमने इसे बढ़ा कर 40 दिन पहुंचा दिया, लेकिन अब केंद्र सरकार हमारे कोष को रोक रही है.
ममता ने राज्य में पंचायत चुनाव सुनिश्चित करने के मुद्दे पर कहा कि उनकी सरकार ने पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है. उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें पंचायतों का काम काज करने के लिए प्रशिक्षण देंगे.’
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