पुलिस उपाधीक्षक जिया-उल-हक हत्या मामले में नया मोड़ आ गया है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि पहले उन्हें पीटा गया और उसके बाद गोली मारी गई।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पिछले शनिवार को भीड़ के हाथों शहीद हुए पुलिस उपाधीक्षक के शव पर करीब 12 जख्म पाये गये हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
पुलिस उपाधीक्षक जिया-उल-हक के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक शव पर 12 जख्म थे। उनमें दो निशान गोली लगने और फिर उसके बाहर निकलने के थे। गौरलतब है कि इस मामले में यूपी के कैबिनेट मिनिस्ट रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को आरोपी बनाया गया है।
शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने की हक की पत्नी की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह तफ्तीश करने वाले अधिकारी पर निर्भर करेगा और इसके लिये अदालत की मंजूरी भी जरूरी होगी। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि जब तक सीबीआई इस मामले की जांच अपने हाथ में नहीं लेती तब तक राज्य की एजेंसी तफ्तीश जारी रखेगी।
गौरतलब है कि प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने कल बताया था कि शहीद पुलिस अफसर के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें सिर्फ एक गोली मारी गयी थी। पीठ पर मारी गयी गोली सीने को चीरते हुए बाहर निकल गयी। इस वजह से यह पता नहीं लग सका है कि उन्हें कितने बोर की गोली लगी थी। उन्होंने बताया था कि घटनास्थल पर उस गोली की तलाश की जा रही है। जब तक वह नहीं मिल जाती, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि उन्हें उनकी सरकारी रिवाल्वर से गोली मारी गयी थी।
कुमार ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक की हत्या से पहले मारे गये बलीपुर के ग्राम प्रधान नन्हें यादव को 315 बोर की गोली मारी गयी थी। वहीं, उसके भाई सुरेश को 12 बोर की गोली लगी थी। किसी ने निजी हथियार से गोली चलायी या नहीं, यह तो जांच में पता लगेगा।
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