अगले दो-तीन साल में राज्य के सभी अनुसूचित जाति और जनजाति आवासीय विद्यालय प्लस टू में अपग्रेड होंगे। इस वर्ग के छात्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए रिटायर्ड शिक्षकों को एक साल के अनुबंध पर रखा जाएगा। साथ ही ऐसे स्कूलों में प्रबंध समिति का भी गठन हो रहा है। यह जानकारी अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री जीतनराम मांझी ने मंगलवार को विधानसभा के दूसरे सत्र में दी। श्री मांझी वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए अपने विभाग के लिए 1 अरब, 10 करोड़ 97 लाख रुपए के अनुपूरक बजट पर सरकार का जवाब पेश कर रहे थे।
श्री मांझी ने कहा कि इस वर्ग के लोगों को जल्द न्याय दिलाने के लिए इनके मामलों का त्वरित निपटारा हो रहा है और अभियुक्त 30 दिनों में चार्जशीट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005-06 में अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग का बजट मात्र 40.48 करोड़ रुपए था जो वर्ष 2013-14 में बढ़कर 10 अरब 75 करोड़ रुपए हो गया। इससे साफ है कि हमारी सरकार इस तबके की शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कितनी संवेदनशील है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस वर्ग के जीवनस्तर में सुधार के लिए विभिन्न कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति से लेकर कई तरह की योजनाएं चला रही है। यही नहीं मैट्रिक से लेकर बीए आदि की उच्च शिक्षा में भी इनके लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में भी इनके लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। इसके लिए इनको राशि मुहैया कराई जा रही है। कई छात्रावासों को अपग्रेड करने की भी योजना है।
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