मेयर के टिकट की दौड में हैंे कुछ जनाधार वाले तो कुछ जनाधार विहीन नेता!
देहरादून, 4 मार्च। प्रदेश में होने वाले स्थायी निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने वाली है लेकिन भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल अभी तक अपने प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाये हैं। दोनों दल एक दूसरे पर नजर गढ़ाए हुए हैं ताकि वे विपक्ष के दावेदार से लोहा ले सके। वहीं दूसरी ओर दोनों दलो में मेयर पद को लेकर खींचतान बनी हुई है। मेयर के दावेदारों में कुछ ऐसे नेता भी शामिल हैं जिनका जनाधार तो शून्य है लेकिन पार्टी में पकड़ मजबूत। भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की सूची में जहां वर्तमान मेयर विनोद चमोली को लेकर सूची में शामिल अन्य दावेदार उनकी दावेदारी को कमजोर करने में जुटे हैं तो वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व मेयर मनोरमा शर्मा डोबरियाल भी दावेदारों की सूची में सबसे ऊपर हैं। भाजपा के दावेदारों में व्यापारी नेता उमेश अग्रवाल और अनिल गोयल जहां मेयर के टिकट पाने के लिए जोरआजमाइश में जुटे हैं और इन्होंने टिकट पाने के लिए अपने सारे घोड़े दौड़ा दिए हैं। जबकि विनोद चमोली अपने कार्याकाल के दौरान नगर क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों को लेकर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। जहां तक भाजपा के शेष अन्य दावेदारों की बात की जाए तो दोनों दावेदारों का व्यापारी वर्ग सहित भाजपा संगठन में पैसे के दम पर खासी पकड़ है। लेकिन इन दोनों ही नेताओं का जनाधार लगभग शून्य है।
ठीक इसी तरह कांग्रेस के अन्य दावेदारों में नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रहे अशोक वर्मा मेयर के टिकट के लिए प्रबल दावेदार के रूप में टिकटार्थियों में हैं तो कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी अपने राजनैतिक आकाओं के दम पर टिकट लेने के दावेदारों में शामिल हैं। जहां तक जनाधार की बात की जाए तो मनोरमा शर्मा डोबरियाल के बाद अशोक वर्मा वो नेता हैं जिनका अच्छा जनाधार है। लेकिन प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना मात्र राजनैतिक आकाओं के रहमोंकरम पर टिकट पाने की जुगत में लगे हैं। हालांकि राज्य आंदोलनकारियों पर अपने घर की छत से गोली चलाने के आरोप में वे बरी हो चुके हैं लेकिन पर्वतीय बाहुल्य क्षेत्रों में राज्य आंदोलनकारी विरोधी छवि होने के कारण उनका जनाधार स्वंय समझा जा सकता है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनैतिक दल वर्तमान और पूर्व मेयरो को चुनाव मैदान में आखिरी समय में न उतार दें इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि दोनांे ही नेता अच्छेखासे जनाधार के दम पर एक दूसरे को शिकस्त दे सकते हैं। क्योंकि पिछले मेयर के चुनाव में भी बाजी इन्हीं दोनों नेताओं के बीच जाकर सिमट गई थी। गौरतलब हो कि देहरादून के मेयर के पहले चुनाव में इन्हीं दोनों के बीच जंग हुई थी जिसमें कांग्रेस की मनोरमा शर्मा डोबरियाल की विजय हुई थी और इसके बाद दूसरे मेयर के चुनाव में इन्हीं दोनों के बीच जंग में विनोद चमोली ने जंग जीत ली थी। अब इस महीने होने वाले मेयर चुनाव में यदि इन्हीं दोनों को इनकी पार्टी टिकट देती है तो यह जंग और भी रोमांचक हो जाएगी।
कर्ज में डूबे प्रदेश के मंत्री करेंगे लाखों की गाड़ियों की सवारी
देहरादून, 4 अप्रैल। ‘‘यावत् जीवेत् सुखम् जीवेत्, ऋणम् कृत्वा घृतम् पिवेत्‘‘ चारवाक ऋषि की यह कहावत उत्तराखण्ड के नेताओं पर सही बैठती है। क्योंकि 3537 करोड़ रूपये घाटे का बजट पेश करने वाली सरकार के महानुभाव अब 10 लाख से उपर की कारों में सवारी करेंगे। भले ही वर्तमान में उत्तराखण्ड का हर नागरिक 28 हजार रूपये के कर्ज में क्यों न डूबा है और राज्य की आर्थिक स्थिति भले ही लुंज-पुंज क्यों न हो, लेकिन राज्य के मंत्रियों को लक्जरी कारों में घूमने का शौक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि राज्य की बदहाल अर्थ व्यवस्था को दरकिनार कर आखिर ये मंत्री राज्य के ब्यूरोक्रेट्स व अन्य नेताओं को क्या संदेश देना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि तिवारी सरकार में राज्य कैबिनेट मंत्रियों को मारूती की इस्टीम कार का एक प्रपोजल शासन को भेजा गया था, जिस पर तत्कालीन तिवारी सरकार की काफी छिलालेदारी हुई थी कि राज्य अभी विकास के मार्ग पर है, ऐसे में मंत्रियों के लिए फिजूल खर्ची करना ठीक नहीं। वयोवृद्ध नेता नारायण दत्त तिवारी ने जनता की आवाज और प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए ब्यूरोक्रेट्स द्वारा तैयार इस प्रस्ताव को टर्न डॉउन कर दिया था, लेकिन बदले परिदृश्य में राज्य में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की सरकार नेता अब 3537 करोड़ रूपये के राजकोषीय घाटे के बजट के बाद राज्य के आम जन पर की कमाई पर ऐश करने की ठान ली है। सरकार के इस निर्णय से तो यह साफ हो गया है कि प्रदेश सरकार को राज्य को घाटे से उबारने की कोई चिंता नहीं है, बल्कि उसे जनता के पैसों पर ऐशो-आराम की ज्यादा चिंता है।
एक जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए लक्जरी गाड़ियों का प्रस्ताव दो माह पूर्व शासन में स्वीकृति के लिए भेजा था, जिस पर शासन द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद इस पर काम भी शुरू हो गया है। पहले चरण में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए चार लक्जरी गाड़ियां खरीदी जांएगी, जिसमें दो सफेद रंग की टोयटा इन्नोवा और मंत्रियों के लिए स्कोडा लौरा व मंहिद्रा एक्सयूवी कारें शामिल हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने टोयटा और अन्य कारों के लिए राजधानी क्षेत्र में स्थित बहुर्राष्ट्रीय कंपनियों के डीलरों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। इसके लिए शासन द्वारा बकायदा पैसे की भी व्यवस्था की गई है। पहली खेप में 55 लाख 47 हजार 668 रूपये वाहन खरीदने के लिए जारी भी किए जा चुके हैं। वहीं दूसरी ओर राज्य सम्पत्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में राज्य के मंत्रियों और मुख्यमंत्री के लिए उनके पास पर्याप्त वाहनों की संख्या है, लेकिन बिरला की हिंदुस्तान कंपनी से एम्बेसडर कारों के निर्माण में धीमी गति के चलते नए वाहनों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, लिहाजा हो सकता है कि प्रशासन ने कुछ नई कम्पनियों के वाहनों की आपूर्ति के लिए वाहनों के डीलरों से संपर्क साधा हो।
दून अस्पताल: चिकित्सक ही निकाल रहे सरकारी दावों की हवा
- मरीजो को आज भी लिखी जा रही बाहर की दवाएं
देहरादून, 4 अप्रैल। मरीजो को अस्पताल से ही सस्ती दवाएं उपलब्ध करवाने के सरकार व प्रशासन चाहे कितने भी दावे करे, लेकिन उनके इन दावों को अस्पताल के चिकित्सक ही झूठलाते नजर आ रहे हैं। चिकित्सको के द्वारा जिस तरह मरीजों को बाहर की दवाए लिखने के साथ लेने की सलाह दी जा रही है, उसने व्यवस्थाओं पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिये है। विदित हो कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सहित प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर अस्पताल प्रशासन व चिकित्सको को बाहर की दवाए न लिखने के दिशा-निर्देश देते रहे है, लेकिन उनके इन आदेशो को चिकित्सक लगातार दरकिनार करने में लगे हुए है। चिकित्सकों द्वारा जिस तरह आज भी मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने के साथ उनको लेने तक की सलाह दे रहे है, उसने सरकारी दावों की न केवल पोल खोलकर सामने रख दी है, अपितु व्यवस्थाओं पर ही सवाल खड़े कर दिये है। ऐसा ही एक मामला आज उस समय प्रकाश में आया, जब जनपद के सबसे बड़े दून अस्पताल की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डा. अंशिका अरोरा के द्वारा एक मरीज को सरकारी पर्चे पर ही न केवल बाहर की दवाएं लिखी, अपितु उनको बाहर से ही इन दवाईयों को लेने की सलाह तक दे डाली। ऐसा नहीं है कि मरीजों को बाहर की दवायें लिखने का यह कोई पहला मामला हो, इससे पूर्व भी इस तरह के मामलें सामने आते रहे है, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही न होने के कारण जहां चिकित्सकों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है, वहीं मरीजांे को भी आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करने पर विवश होना पड़ रहा है। जबकि होता यह है कि यदि कोई दवाई अस्पताल में नहीं होती है, तो बाहर की दवाईयां लिखने के स्थान पर उसकी वैकल्पिक दवाईयां मरीजों को लिखी जा सकती है, लेकिन दून सहित अन्य सरकारी अस्पतालों के अधिकांश चिकित्सक ऐसा करने से बच रहे है। अब यहां सवाल यह उठता है कि जब सरकार व प्रशासन ने मरीजों की सुविधा को अस्पताल में ही सरकारी दवाई वितरण केन्द्र के अलावा जन औषधि केन्द्र बनाया गया है, तो चिकित्सक उन जगहो की दवाईयां लिखने के स्थान पर बाहर की दवाईयां लिखने को अधिक तवज्जों क्यों दे रहे हैं। इस बाबत जब दून अस्पताल के सीएमएस डा. आर.एस. असवाल से सम्पर्क साधा गया, तो उन्होंने आज खबर से कहा कि यदि कोई चिकित्सक मरीजो को बाहर की दवाएं लिख रहा है, तो वह गलत है। उन्होंने उक्त मामलें में आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि भविष्य में ऐसा न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। उधर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डा. बीसी रमोला ने कहा कि यदि कोई चिकित्सक मरीजो को बाहर की दवाएं लिखता है, तो वह गलत है, लेकिन इस स्थिति के लिए सरकार भी कम जिम्मेदार नहीं है। यदि अस्पताल में सभी दवाईयों को उपलब्ध कराया जाए, तो चिकित्सक मरीजो को बाहर की दवाएं लिखने से परहेज करेंगे।
आईपीएल के लिए सट्टेबाजो ने बिछाई बिसात
देहरादून, 4 अप्रैल । बुधवार से जहां आईपीएल क्रिकेट टूूर्नामेंट का आगाज हो गया वही राजधानी दून मे सत्तेबाजो ने भी अपनी विसात बिछाली है। क्रिकेट मैंचो पर सट्टे के आधा दर्जन कुख्यात सरगनाओ ने कुछ होटलो, रेस्टोरेंट व बिलियर्ड रूम को बुक करा लिया है, जहां आने वाले दो माह तक बड़े-बड़े दाव आइपीएल के मैचों पर लगाने का पूरा खाका तैयार हो चुका है। गौरतलब है कि आईपीएल शुरू होते ही शहर के बड़े सट्टे सरगना सक्रिय हो जाते है, पुलिस आईपीएल मैचो पर सट्टा लगाने वालो के खिलाफ कार्यवाही की बात करती है लेकिन जब टूर्नामेंन्ट खत्म होने की कगार पर होता है तभी दिखावे के लिए कुछ छुटबईये सट्टेबाजो को पकड़ कर अपनी पीठ थपथपाती है। सूत्रो के अनुसार शहर के बड़े सट्टे बाजो ने पुलिस के कुछ अधिकारियो की मिली भगत से आईपीएल मैचो मे दौलत कमाने की बिसात बिछा दी है। यह सट्टे बाज आईपीएल मैचो से लाखों के दांव लगाकर करोड़ो की अवैध कमाई करेगें, यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है। गौरतलब है कि हर साल आईपीएल 20-20 क्रिकेट मैच का आयोजन होता है जिसका अलग ही रौमांच होता है लेकिन इस टूर्नामेंट को सट्टेबाज दौलत कमाने के रूप में देखते है। प्रत्येक बॉल पर लाखों रूपये के दांव लगते है जबकि प्रत्येक विकेट पर भी दांव लगाये जाते है। पिछले कुछ वर्षो में सट्टेबाजो के लिए आईपीएल जन्नत से कम नही रहा है दून से लेकर हरिद्वार तक इन मैचों पर दांव लगाये जाते है जिसका खुलासा भी कई बार पुलिस द्वारा किया जा चुका है। हालांकि सट्टे का यह खेल बहुत पुराना है पहले जहां पर्चियो से सट्टा लगाया जाता था वहीं अब इस खेल में भी हाईटेक तरिके सट्टेबाज अपनाने लगे है। एसएमएस व मोबाइल के जरिये अब दांव लगाये जाते है।
धस्माना, वर्मा को आगे रख कर कहीं तीसरे को फायदा न दे दे कांग्रेस
देहरादून, 4 अप्रैल । नगर निगम देहरादून की मेयर सीट भाजपा, काग्रेंस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी है। जहां एक और भाजपा में इस पद के लिए सिर्फ गिने चुने ही दावेदार है वही कांग्रेस मे मेयर का टिकट पाने वालो की एक लम्बी कतार देखने को मिल रही है, हालांकि मुकाबला सिर्फ दो दावेदारो के बीच ही माना जा रहा है किंतु काग्रेस हल्को मे इन दिनो एक कहावत चर्चा का विषय बनी हुई है कि बिल्लीयो की लड़ाई मे रोटी हमेशा बंदर ले उड़ता है। कुछ यही परिस्थितिया इन दिनो कांग्रेस मे देखी जा रही है। मेयर टिकट के दावेदारो मे हर दूसरे दिन नया नाम सामने आ रहा है लेकिन मुख्य मुकाबले मे सिर्फ दो ही नाम जो चर्चाओ मे है उनमें पहला नाम नगर निगम के निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष अशोक वर्मा का है जो कि वर्तमान पार्षदो मे सबसे वरिष्ठ है। वह अकेले ऐसे पार्षद है जो कि नगर पालिका के समय से अबतक चार बार लगातार अपने वार्ड से चुनाव जितते आ रहे है उनकी पहले भी कई बार दावेदारी सामने आयी किन्तु उन्हे निराश होना पड़ा। पिछली दफा एडवोकेट सूरत सिंह नेगी पर दांव खेलकर कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा था। अब वर्मा की दावेदारी बेहद पुख्ता मानी जा रही है जबकि उनकी राह मे कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना खड़े हुऐ है। उनकी दावेदारी इस लिए मजबूत मानी जा रही है क्योकि उनकी मलिन बस्तियों, मुस्लिमो व गोर्खाली वोटो पर अच्छी पकड़ है। इन दोनो नेताओ की दावेदारी की चर्चा के पीछे यह बात भी निकल कर सामने आ रही कि दोनो के नाम आगे रख कर किसी तीसरे नेता को चुपके से मेयर का टिकट पकड़ा दिया जाये। धस्माना व वर्मा को जनता का भी खासा समर्थन प्राप्त है इस लिए इन दोनो ही नेताओ की दावेदारी पुख्ता मानी जा रही है लेकिन देखना यह है कि चुनाव से ऐन पहले काग्रेंस किस पर दांव लगाती है।
मुख्यमंत्री बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना का शुभारम्भ
मैदानी क्षेत्र में साईकिल व पर्वतीय क्षेत्र में दी जायेगी एफडी
देहरादून, 4 अप्रैल (राजेन्द्र जोशी)। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने बृहस्पतिवार को 50 बालिकाओं को साईकिल वितरित कर मुख्यमंत्री बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना का शुभारम्भ किया। इसके अतिरिक्त राजकीय इंटर कॉलेज सईया की 30 छात्राओं, लखवाड की 14 छात्राओं व नागथात की 29 छात्राओं को एफडी दिए जाने के लिए संबंधित प्रधानाचार्यों को चैक भी दिए गए। राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राज्य के सुनहरे भविष्य का सपना देखते हैं तो सबसे पहले नजर महिलाओं व युवाओं की ओर जाती है। उŸाराखण्ड राज्य आंदोलन के समय यहां जिस राज्य की कल्पना की गई थी उसके अनुरूप राज्य सरकार कार्य कर रही है। बालिकाओं की नामांकन दर बढ़ाने व माध्यमिक स्तर पर ड्रॉप आउट दर कम करने के उद्देश्य से बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई है। साईकिल मिलने से मैदानी क्षेत्रों में बालिकाओं को स्कूल जाने में सुविधा होगी व पर्वतीय क्षेत्रों में एफडी दिए जाने से वहां की बालिकाएं भी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित होंगी। शीघ्र ही अशासकीय विद्यालयों को भी इस योजना के अन्तर्गत लाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालिकाओं में शिक्षा के प्रसार से ही देश व समाज की तरक्की सम्भव है। माता-पिता अपने पुत्रों के समान ही पुत्रियों की शिक्षा को समान महत्व दें। भारतीय महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं बशर्ते कि उन्हें पर्याप्त शिक्षा का अवसर मिले। विगत वर्षों में राज्य में विकास हुआ है। इस विकास का लाभ दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों व समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। हमारे संविधान व प्रजातंत्र में हर पद, हर व्यक्ति के लिए बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध है। शिक्षा पर ही उज्जवल भविष्य निर्भर है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित स्कूली बच्चों से अपने कैरियर के बारे में अभी से निर्णय कर मेहनत से जुट जाने को कहा। प्रतिभा व लगन से काम करने पर सफलता अवश्य मिलती है।
शिक्षा मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी ने कहा कि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की पहल पर शुरू की गई इस योजना से बालिका शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। कल्याणकारी राज्य की अवधारणा पर कार्य कर रही सरकार ने शिक्षा व पेयजल में बजट आवंटन में वृद्धि की है। हाल ही में एक सर्वे में उत्तराखण्ड को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बताया गया है। सचिव विद्यालयी शिक्षा श्रीमती मनीषा पंवार ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बालिकाओं की शिक्षा में समान सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना के अन्तर्गत कक्षा-9 में प्रवेश लेने वाली अध्ययनरत मैदानी क्षेत्र की बालिकाओं को अनिवार्य रूप से मुफ्त साईकिल सुविधा एवं पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए कक्षा-9 में अध्ययनरत बालिकाओं को साईकिल के क्रय के समतुल्य धनराशि की बैंक एफडी/डाकघर एफडी दिये जाने का प्राविधान है। बालिकाओं को सावधि जमा (एफडी) प्रमाण पत्र का नकदीकरण सम्बन्धित बालिका के 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त ही देय है। इस योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली साईकिल पात्र छात्रा द्वारा अपने के लिए स्वयं क्रय की जायेगी तथा प्रमाण हेतु बिल कैश मेमो प्रस्तुत करते हुए सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा साईकिल का निरीक्षण करने के उपरान्त निर्धारित मानक मूल्य या वास्तविक कीमत जो भी कम हो, का भुगतान छात्रा को एकाउण्ट-पेई चैक के आधार पर किया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में 22 मैदानी विकास खण्डों की 16318 बालिकाओं को साईकिल वितरित की जायेंगी तथा पर्वतीय क्षेत्रों की 36278 बालिकाओं को एफडी प्रदान की जायेगी। इस प्रकार इस वर्ष कुल 52 हजार 596 बालिकाएं लाभान्वित होंगी। इस योजना पर प्रथम चरण में अनुमानित व्यय 16 करोड़ रुपये वार्षिक होगा। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’, प्रमुख सचिव राकेश शर्मा, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा आरके सुधाशुं, महानिदेशक सूचना विनोद शर्मा, जिलाधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम सहित अध्यापक, छात्र-छात्राएं व अन्य लोग उपस्थित थे।
उत्तराखण्ड माटी कला बोर्ड की बैठक सम्पन्न हुई
देहरादून, 4 अप्रैल। लघु उद्योग मंत्री ने उत्तराखण्ड माटी कला बोर्ड की बैठक में प्रदेश में मिट्टी व्यवसाय करने वाले कारीगरों को तकनीकी सुविधा एवं उनके कार्य के विकास तथा उनके उत्पादों के विपणन की सुविधाऐं दिलाने के लिए बोर्ड को सक्रिय करने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में कुम्हारी एवं मिट़टी व्यवसाय से जुडे़ कारीगरों के व्यवसाय में वृद्धि को देखते हुए, उन्हें विद्युत चालित उन्नत चाक प्रदान करने की संभावना पर विचार किया गया। बैठक में तय हुआ कि खादी ग्रामोद्योग कमीशन द्वारा अनुमोदित विद्युत चाक के पांच नमूने मंगाकर उन्हें माडल के रूप में सक्रिय कुम्हारों को वितरित किया जाय तथा विद्युत चाकों के संचालन तथा माटी व्यवसाय से जुड़े लोगों की मांग एवं अभिरूचि की जानकारी प्राप्त की जाये, और उसी मांग के आधार पर विद्युत चाकों को परम्परागत कुम्हारों में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। बैठक में लघु उद्योग मंत्री द्वारा मिट्टी के व्यवसाय में सक्रिय गांवों का इसी माह बोर्ड के सदस्यों को भ्रमण कराने के भी निर्देश दिये गये। मुख्य कार्यपालक अधिकारी/अपर निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल द्वारा अगवत कराया गया कि वर्तमान में मिट्टी व्यवसाय हरिद्वार तथा उधमसिंह नगर में पूर्ण तथा देहरादून में आंशिक रूप से चल रहा है।
लघु उद्योग मंत्री ने विद्युत चाक वितरण के लिए 5 कुम्हारों का चयन पारदर्शिता से करने के निर्देश दिये। तथा आगामी बैठक में इस व्यवसाय से जुड़े सक्रिय कुम्हारों को भी आमंत्रित करने के निर्देश देते हुए उनके अनुभवों के आधार पर ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया, कि हथकरघा शिल्प विकास परिषद द्वारा समय-समय पर आयोजित मेलों में कुम्हारों के द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी जाय। बैठक में इस व्यवसाय में जुड़े लोगों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता में वृद्धि के साथ-साथ उनके आय में बढ़ोत्तरी की संभावनाओं पर चर्चा की गयी। लघु उद्योग मंत्री ने व्यवसाय से जुडे़ लोगों को आधुनिक तकनीकी से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया। बैठक में बोर्ड की भावी योजनाओं में माटी व्यवसाय से जुड़े लोगों की राय लेने तथा उसके अनुसार ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये गये। बैठक में प्रमुख सचिव सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम रणवीर सिंह, सचिव राजस्व भाष्करानन्द, उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
नई दिल्ली/देहरादून, 4 अप्रैल । उत्तराखण्ड राज्य के मो0 अकरम, चन्दन नगर देहरादून और सुरिभ ग्रामोद्योग संस्थान, काशीपुर, ऊधमसिंह नगर को केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकर द्वारा स्थापित राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। बुधवार को विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा मो0 अकरम को सर्वश्रेष्ठ बुनकर तथा सुरभि ग्रामोद्योग संस्थान को सर्वश्रेष्ठ ग्रामोद्योग संस्थान का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। मुख्यमंत्रीविजय बहुगुणा ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त विजेताओं को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की है कि इनसे प्रेरणा लेकर उत्तराखण्ड में सेक्टर में और अधिक उद्यमी आगे आयेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को सर्वश्रेष्ठ माहौल उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्व है और इसीलिए के लिये एक अलग से विभाग भी बनाया गया है। बहुगुणा ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की स्थापना में पर्वतीय क्षेत्रों में भी रोजगार सृजन किया जायेगा। सुरभि ग्रामोद्योग विकास संस्थान के सचिव एस0पी0 अग्रवाल ने बताया कि उनकी संस्था एक ग्रामीण उद्योग इकाई है। इस इकाई द्वारा बृहद् श्रृंखला में हर्बल उत्पादों का उत्पादन किया जाता है। 10 वर्ष की अवधि में इस इकाई ने विभिन्न सौंदर्य प्रसाधनों तथा औषधीय साबुनों का उत्पादन कर ख्याति प्राप्त की है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर उत्कृष्ट गुणवता के ऑर्गेनिक सौंदर्य प्रसाधन प्रदान करना है। सर्वश्रेष्ठ बुनकर पुरस्कार विजेता मो0 अकरम ने बताया कि वे प्रतिमाह 250-300 चादरे एवं गद्दों के कवर बुनकर अपनी आजीविका चला रहे है।
हाथी के हमले मंे किशोर की मौत पर ग्रामीणों ने लगाया जाम,बांदीकुई रेल रोकी
ऋषिकेश/देहरादून, 4 अप्रैल । गत दिवस मंसा देवी क्षेत्र में हाथी के हमले में एक किशोर की मौत से आक्रोशित गुमानीवाला क्षेत्र के ग्रामीणों ने हरिद्वार ऋषिकेश राजमार्ग चार घंटे तक पूरी तरह से जाम रखा। इस दौरान दुपहिया वाहनों को भी नहीं चलने दिया गया। उन्होंने श्यामपुर ऋषिकेश बाईपास मार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही नहीं होेने दी और करीब एक घंटे तक हरिद्वार से ऋषिकेश आ रही बांदीकुई पैंसेजर को रोके रखा। जाम से तीर्थयात्री और स्थानीय लोग हलकान रहे। इस बीच आंदोलित ग्रामीणों की पुलिस और यात्रियो से कई बार तीखी नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने जाम खुलवाने की कोशिश की तो लोगों ने जमकर धक्कामुकी की और पुलिस पर पत्थर फेेंके । पुलिस प्रशासन ने बामुश्किल मामले को संभाला। दोपहर बाद प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून ने मौके पर पहंुचकर मृतक आश्रितों को उचित मुआवजा दिए जाने और हाथियों की आमद रोकने के लिए सभी सुरक्षात्मक इंतजाम का भरोसा दिलाने के बाद ही उन्होने जाम खोला। हाथी ने मंसादेवी क्षेत्र में काम से घर लौट रहे एक किशोर पर हमलाकर उसे मौत के घाट उतार दिया था। जबकि चारापत्ती लेने जंगल गई एक महिला को हाथी ने पटककर मारा था। क्षेत्र मंे हाथियों की लगातार बढ़ती आमद और हमलांे से आक्रोशित गुमानीवाला और आस-पास के ग्रामीण सड़कों पर उतर आए। सैकड़ो ग्रामीणो ने मंसादेवी रेलवे क्रासिंग के समीप जाम लगा दिया। इस दौरान उन्होने सड़क के दोनों ओर से बाइको से बेरिकेडिंग कर दी और दुपहिया वाहनों को भी नहीं निकलने दिया।
ग्रामीण प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी कि मृतक आश्रितों को उचित मुआवजा और क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही रोकने के लिए स्थायी उपाय किए जाने चाहिए। इसी बीच ग्रामीणों ने हरिद्वार से ऋषिकेश आ रही बांदीकुई एक्सप्रेस को रोक दिया । जिसे एक घंटे बाद छोड़ा गया। इस दौरान वनविभाग पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणो को मनाने की लाख कोशिश की मगर वह हाईवे से टस से मस नहीं हुए। डीएफओ सुशांत पटनायक मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने उनसे मृतक आश्रितो को पांच लाख का मुआवजा दिए जाने और हाथीयों को आबादी में आने से रोकने के समुचित इंतजाम करने को कहा। डीएफओ ने लोगों के मृतक आश्रितों को राहत के तौर पर एक लाख ओर अवशेष धनराशि एक पखवाडे़ मंे देने और निर्धारित तीन लाख से अधिक मुआवजे की अवशेष धनराशि के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने के साथ ही जंगल से सटे गांवो मंे सौर ऊर्जा, लाइट ऊर्जा, बाड खाई खोदने और अन्य जरूरी इसके बाद ही ग्रामीण माने और जाम खोला। प्रदर्शनकारियों में विजय राणा, सुमन भट्ट, गोपाल नेगी, कुंवर सिंह, कलम सिंह, दिनेश बैलवाल, विनोद रमोला, जयप्रकाश, उम्मेद नेगी, चंद्रमा तडियाल, रमेश, सीता नेगी, शीला तेजराम मोहन समेत सैकड़ो ग्रामीण शामिल थे।
वृद्ध ने तहसीलकर्मी पेशकार के हाथ को दांत से काटा, तहसील में हड़कंप
ऋषिकेश/देहरादून, 4 अप्रैल । तहसील में काम कराने गए एक वृद्ध का काम न होने पर गुस्साए वृद्ध ने पेशकार के हाथ को दांत से काट दिया। जिससे तहसील में हड़कंप मच गया। प्राप्त समाचार के अनुसार एक व्यक्ति ने तहसीलदार कोर्ट मंे दाखिल खारिज रजिस्टर जबरन उठाकर उसमें किसी का नाम दर्ज कर दिया। पेशकार ने रजिस्टर छिनने की कोशिश की तो सिरफिरे ने पेशकार के हाथ पर दांत से काट दिया और फरार हो गया।घटना से हड़कंप मच गया। तहसीलदार कोर्ट मंे पेशकार और उनके सहयोगी अपने कार्य मंे मशगूल थे। इसी बीच एक व्यक्ति यहां आया और काउंटर पर रखे भूमि का दाखिल खारिज की फाइल चढ़ाने वाले रजिस्टर को जबरन उठा लिया और उसमे क्रम संख्या और किसी व्यक्ति का नाम चढ़ा दिया। उसे ऐसा करते देख पेशकार मनोज कुकरेती ने विरोध करते हुए रजिस्टर छीनने की कोशिश की । इसी बीच व्यक्ति ने पेशकार के हाथ पर दांत से काट दिया। दर्द से कराहते हुए पेशकार ने जब तक सहकर्मियों को आवाज लगाई आरोपी फरार हो गया। रजिस्ट्रार काननूनगो जसपाल राणा ने बताया कि माले की जांच कर संबन्धित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
सांभर अज्ञात वाहन की चपेट मे आकर घायल
ऋषिकेश/देहरादून, 4 अप्रैल । हरिद्वार बाईपास पर सड़क पार करते समय सांभर को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। जिससे उसके पैरों मंे गंभीर चोट आने से वह घायल हो गया। वन कर्मियों ने उसे बेहोश कर पशु चिकित्सालय मंे उपचार कराया। रेंज अधिकारी गंगासागर नौटियाल ने बताया कि सुबह गश्त के दौरान वन कर्मियो को सांभर ऋषिकेश कंपार्टमेंट नंबर दो मंे नाली मंे पड़ा मिला। नजदीक जाने पर उन्होने उसे जीवित पाया। वन कर्मियों द्वारा उसे टेंªकुलाइज कर बेहोश किया गया। इसके बाद पशुचिकित्सक के पास ले जाकर उसका उपचार कराया। बताया कि मादा संाभर की उम्र लगभग सात साल है और उसके पैरों में गंभीर चोट लगी है। सांभर को फिलहाल उपचार के लिए रेंज कार्यालय मंे रखा गया है।
चीला में जल प्रवाह रोके जाने से 40 हजार यूनिट विद्युत उत्पादन गिरा
ऋषिकेश/देहरादून, 4 अप्रैल। विगत दिवस चीला जलाशय की सफाई के लिए फ्लशिंग ली गई । इस दौरान शक्ति नहर में जल प्रवाह चार घंटे बाधित रहा। इससे 40 हजार यूनिट विद्युत उत्पादन प्रभावित रहा। उधर नदी मंे पानी छोड़े जाने के दौरान मछली पकड़ने गए तीन युवक अचानक पानी बढ़ने के कारण टापू मंे घुस गए। करीब चार घंटे बाद जलस्तर कम होने पर वह सकुशल निकल आए। जल विद्युत निगम की ओर से चीला बैराज जलाशय की सफाई के लिए पूर्वाहन 10 से दो बजे तक फ्लशिंग ली गई। इस दौरान चीला पॉवर हाउस मंे उत्पादन ठप रहा। इस दौरान नहर के पानी को गंगा में छोड़ा गया। जलाशय की सफाई के दौरान नहर की जालियांे से भारी मात्रा मंे कचरा निकला। इससे पूर्व विभाग की ओर से दो महीने पहले फरवरी प्रथम सप्ताह में चीला जलाशय के लिए फ्लशिंग ली गई थी। निगम के अधिशासी अभियंता इंद्रमोहन करासी ने बताया कि नहर मंे पानी दोपहर दो बजे छोड़ा गया । जिसके कारण चीला पॉवर हाउस में शाम चार बजे उत्पादन शुरू हुआ। उधर जलाशय की सफाई के दौरान गंगा मंे पानी छोड़ा गया। बताया गया कि इस दौरान तीन युवक बैराज के समीप गंगा में मछली पकड़ने गए थे। अचानक पानी बढ़ने से उक्त युवक नदी में टापू में फंस गए। सूत्रों के अनुसार इसके बाद एक युवक तैरकर किनारे चला गया जबकि दो टापू में ही फंस गए। दोपहर दो बजे चीला जलाशय मंे पानी छोड़े जाने पर गंगा मंे जल प्रवाह कम होने पर उक्त युवक किनारे आ सके। इस घटना के बाबत थाना लक्ष्मणझूला पुलिस ने अनभिज्ञता जताई है। निगम के अधिकारियों से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि ऐसी कोई जानकारी उन्हे नहीं है अलबत्ता उन्होने यह स्वीकारा कि नदी मंे कई लोग मछली पकड़ने चले जाते है। फ्लशिंग के दौरान सायरन बजाया जाता है कई बार लोग उसकी ओर गौर नहीं करते और टापू मंे फंस जाते हैं।
टिहरी झील में बोट लाइसेंस की शर्तों पर भड़के स्थानीय बेरोजगार
नई टिहरी/देहरादून, 4 अप्रैल । टिहरी बांध की झील में बोट लाइसेंस के लिए निकाली गई निविदा के विरोध में स्थानीय बेरोजगारों ने जिला पंचायत के कार्यलय में प्रदर्शन कर तालांबदी की। लोगों ने कहा कि झील में अभी तक कोई भी गतिविधियां शुरु नहीं की गयी हैं, जबकि जिला पंचायत की ओर से बोट लाइसेंस के लिए अनुभव प्रमाण पत्र और पांच लाख रुपये की हैसियत मांगी जा रही है। लोगों ने जिला पंचायत की निविदा को स्थानीय बेरोजगारों के साथ छलावा बताया। लोगों का कहना है कि निविदा में अनुभव और हैसियत प्रमाण पत्र की शर्त समाप्त किया जाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा। 42 वर्ग किमी में फैली टिहरी बांध की झील में बोट संचालन के लिए जिला पंचायत की ओर से दो अप्रैल से फार्मों की बिक्री शुरु कर दी गयी। जिला पंचायत से अब तक 319 फर्मों की बिक्री हो चुकी है और 150 आवेदक फार्म जमा कर चुके हैं, लेकिन बध्ुावार को जब लाइसेंस की निविदा को लेकर स्थानीय बेरोजगार भड़क उठे तब वहां पर अध्यक्ष और अपर मुख्यधिकारी अनुपस्थित थे। इसलिए गुस्साए बेरोजगारों ने तालाबंदी कर दी और निविदा की शर्तों को निरस्त करने की मंाग उठाई। तालाबंदी करने वालों में देवेन्द्र, आदित्यश्ंाकर खत्री, कुलदीप, नवीन आदि शामिल थे।
20 सूत्रीय मांगे पूरी न होने पर होगा मूल्यांकन का विरेाध
नई टिहरी/देहरादून, 4 अप्रैल । राजकीय शिक्षक संघ ने 20 सूत्रीय मांगो पर सकारात्मक निर्णय लेने पर छह अप्रैल से होने वाली बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन का विरोध करने की चेतावनी दी है। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा ने बताया कि बुधवार को हुई वार्ता में लंबित मांगो का हल नही निकाल पाया है, जिससे संघ ने बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन का विरोध करने का निर्णय लिया है। उन्होने बताया कि संघ पदोन्नति, 16 उपार्जित अवकाश, तदर्थ शिक्षकों का विनियमितिकरण और राजकीय शिक्षक कोश गठित करने सहित कई मांगो को लेकर संघर्षरत हैं। जिलामंत्री हेमंत पैन्यूली, ब्लाक अध्यक्ष मेहरबान कैंतुरा, विनोद प्रकाश नौटियाल, और बीएस रावत ने छह को मूल्यांकन केन्द्रो पर धरना प्रदर्शन में शामिल होने को कहा है।
गौ-कशी न करने का अहम फैसला
देहरादून, 4 अप्रैल । देहरादून में आयोजित ऑल इंडिया जमीयत-उल-कुरैश के एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी ने कुरैशी समुदाय के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया तथा गौ-कशी जैसे संवेदनशील विषय पर कुरैशी समुदाय का आह्वाहन करते हुए कहा -’’देश में अमन-चैन, भाई-चारा लाने और किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत न करने की दृष्टि से कुरैशी समुदाय को आज से ही गौ-कशी न करने का निर्णय लेकर समुदाय की छवि को बदलना होगा। बिरादरी के लागों को अपने बच्चों की तालीम (शिक्षा) पर विशेषतः लड़कियों की बेहतर तालीम पर ध्यान केंद्रित करना होगा। दहेज प्रथा और विकास में बाधक अन्य सभी बुराईयों से दूर रहकर कुरैशी समाज की गरिमा बढ़ाने के साथ ही मुल्क की तरक्की तथा आन-बान-शान की रक्षा के लिए दिलो-जान से समर्पित होने की कसम भी खानी होगी।’’ राज्यपाल ने कुरैश समुदाय को यह भी आश्वासन दिया कि गौकशी के नाम पर समुदाय को किसी भी स्तर पर प्रताड़ित न किया जाए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्यपाल के आह्वाहन पर सम्मेलन में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि कुरैशी समुदाय का कोई भी व्यक्ति देश भर में कहीं पर भी गौ-हत्या में संलिप्त पाया गया तो बिरादरी द्वारा उसका पूर्ण बहिष्कार करते हुए उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। इसके अलावा अशिक्षा मिटाने तथा दहेज जैसी बुराईयों को खत्म करने के लिए राज्यपाल के आह्वाहन को एक बड़ी सीख मानते हुए उस पर पूरी तरह अमल करने का भी निर्णय लिया गया। कल देर सायं सम्पन्न हुए इस सम्मेलन में कुरैशी समुदाय के लागों द्वारा राज्यपाल को सम्मानित करते हुए उनके सम्मान में काव्यपाठ भी किया गया। सम्मेलन में जमीयत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी सलालुद्दीन, आयोजक हाजी अहसान कुरैशी, हाजी अकरम कुरैशी, हाजी दिलशाद कुरैशी सहित देश के विभिन्न राज्यों से आये कुरैशी समुदाय के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
(राजेन्द्र जोशी)
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