छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (09 अप्रैल) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 9 अप्रैल 2013

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (09 अप्रैल)


पिता के हत्यारे को कठोर आजीवन कारावास 
  • सत्र न्यायाधीश विमल कुमार जैंन ने सुनाया फैसाला

छतरपुर- सत्र न्यायाधीश विमल कुमार जैंन ने पिता की हत्या करने वाले पुत्र को आईपीसी की धारा 302 के तहत कठोर आजीवन करावास की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि दिनांक-07 अप्रैल 2011 को नत्थू कुशहवा निवासी चैका ने थाना मातगुवां में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 06 अप्रैल 2011 को वह अपने पिता मोहनलाल कुशवाहा को खेत पर रखी फसल की रखवाली करने के लिये छोड़ आया था। दूसरे दिन सुबह जब वह महुआ बीनने को गया तो उसके भाई आशाराम ने आकर बताया कि खेत पर उसके पिता मोहनलाल नही हैं। देखने पर मोहनलाल की लाश खेत के कुआॅं में पड़ी थी तथा आस पास खून के निशान थे तथा लाश में धारदार हथियारों की गंभीर चोटेे थी। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 302 आई.पी.सी. के तहत अपराध दर्ज किया। थाना प्रभारी एसआई आरएस सेन ने मामले की विवेचना के दौंरान पाया कि आशाराम कुशवाहा का जमीन के बटवारे को लेकर अपने पिता मृतक मोहनलाल से विवाद चल रहा था जिसके कारण आशाराम ने अपने पिता की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी पुत्र आशाराम के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त की गई लोहे की सब्बल जप्त की और आशाराम को गिरफ्तार कर मामला न्यायालय को सुपुर्द कर दिया। न्यायालय सत्र न्यायाधीश श्री विमल कुमार जैंन ने  मामले के सम्पूर्ण विचारण के बाद आरोपी पुत्र आशाराम कुशवाहा  को उसके पिता की हत्या का दोषी ठहराते हुये आई.पी.सी. की धारा 302 के तहत कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी लोक अभियोजक रााकेश शुक्ला द्वारा की गई।

हत्या के प्रयास के आरोपियों को 5 साल की कठोर कैद

छतरपुर- प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डीके पालीवाल की अदालत ने हत्या के प्रयास के दो आरोपियों को आईपीसी की धारा 307 के तहत  5-5 साल की कठोर कैद के साथ जुर्माना की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि दिनांक दिनांक 22 अप्रैल 2012 को रात्रि 10.30 बजे फरियादी मनोज बिंदुआ निवासी मुड़ेरी जब मुकेश और कमल सिंह के साथ अपने स्वाखा वाले खेत पर रखवाली कर रहा था। तभी जयहिंद पुत्र श्यामलाल बिंदुआ और जनार्दन पुत्र रामस्वरुप शुक्ला निवासी मुडे़री ने खेत पर आकर जमीन के बटवारे की बुराई पर से अश्लील गालियां देने लगे। और जान से मारने की धमकी देकर खेत से भाग जाने को कहा। जब मनोज खेत से नही गया तो आरोपी जयहिंद ने जान से मारने की गरज से मनोज के ऊपर गोली चलाने के लिये कट्टा निकाल लिया। मनोज ने दौड़कर कट्टा पकड़ा तो जयहिंद ने गोली चला दी जो मनोज के बांय हाथ की गदेली में लगी। मुकेश और कमल सिंह बचाने दौड़े तो दोनो आरोपी मौके से फरार हो गये। घटना की रिपोर्ट थाना लवकुशनगर में करने पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर थाना प्रभारी शहजाद सिंह ने विवेचना उपरांत मामले को अदालत के सुपुर्द कर दिया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री डीके पालीवाल की अदालत ने मामले की अंतिम सुनवाई के बाद दोनो आरोपी जयहिंद बिंदुआ, जनार्दन शुक्ला को उक्त घटना का दोषी पाया। और उन्हें आईपीसी की धारा 307 में 5-5 साल के कठोर कैद के साथ 2-2 हजार रुपये के जुर्माने की तथा आरोपी जयहिंद को धारा 25(1बी)(ए) आम्र्स एक्ट में एक साल की कैद के साथ एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

पार्षद पद के उपनिर्वाचन हेतु मतदाता सूची तैयार होगी  

छतरपुर/09 अप्रैल/म0प्र0 नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 47 की उपधारा 2 के अंतर्गत नगरपालिका, छतरपुर के वार्ड क्रमांक 17 में पार्षद के रिक्त पद पर उपचुनाव कराया जाना है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री राजेश बहुगुणा ने चुनाव के पूर्व 1 जनवरी 2013 की स्थिति में मतदाता सूची तैयार करने के उद्देश्य से एसडीएम छतरपुर को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं तहसीलदार छतरपुर को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त किया है। मतदाता सूची तैयार करने का कार्य दो चरणों में सम्पन्न कराया जायेगा। प्रथम चरण में 17 अप्रैल से प्रारंभिक मतदाता सूची तैयार करने हेतु कर्मचारियों का चयन एवं प्रशिक्षण का कार्य किया जायेगा। 24 अप्रैल को प्रारंभिक मतदाता सूची तैयार कर ली जायेगी। 13 मई को मतदाता सूची का मुद्रण कराया जायेगा। इसी प्रकार द्वितीय चरण में 14 मई को मतदाता सूची का प्रकाशन किया जायेगा। 23 से 30 मई तक दावा-आपत्ति प्राप्त करने की अवधि निर्धारित है। 4 जून तक प्राप्त दावों एवं आपत्तियों का निपटारा करके 7 जून को वार्डवार अनुपूरक सूची तैयार की जायेगी। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 13 जून को होगा।  

जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में निर्देश जारी

छतरपुर/09 अप्रैल/सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रदेश में निवासरत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों को जारी किये जाने वाले जाति प्रमाण पत्रों में आवश्यक संशोधन करने संबंधी निर्देश जारी किये गये हैं। जिसके तहत अब कंडिका 3 की उप कंडिका 3.1 विलोपित की गई है, जबकि उप कंडिका 3.2 में संबंधित वर्ग के आवेदकों द्वारा उनके माता-पिता को जारी किये गये जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर आवेदक को पृथक निर्धारित प्रारूप 3 में जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकेगा। इसके अलावा कंडिका 3 की शेष उप कंडिकायें यथावत् रहेंगी। इसके अलावा प्रवजन संबंधी प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र के प्रारूप 3 के स्थान पर नवीन प्रारूप तय किया गया है। स्थायी जाति प्रमाण पत्र को 1 महीने की अवधि में जारी करना अनिवार्य होगा। विशेष परिस्थितियों में शपथ पत्र के आधार पर प्रोविजनल जाति प्रमाण पत्र 7 दिवस के भीतर जारी किया जायेगा, जो कि केवल 3 महीने के लिये वैध होगा।

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