बिहार का 17 वर्षीय सिद्धांत वत्स आयरलैंड के होरसिस अंतराष्ट्रीय सम्मलेन में भारत का नेतृत्व करेगा। आयरलैंड के बेलफास्ट में 23 और 24 जून 2013 को होनेवाले “होरासिस” ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए बिहार के युवा छात्र सिद्धांत वत्स को आमंत्रित किया गया है। सत्रह वर्षीय बारहवीं के छात्र सिद्धांत दुनिया के चुने हुए सौ उद्यमियों के बीच सम्भवत: सबसे कम उम्र के उद्यमी होंगे। अपनी तकनीकी क्षमताओं और अविष्कार के प्रति उत्साह तथा विज्ञान की प्रतिभा के बल पर देश का सिर गर्व से ऊंचा करने वाले सिद्धांत वत्स उन चार युवाओं में शामिल हैं, जिन्होंने मोबाइल फोन, कम्प्युटर और जीपीएस (GPS) प्रणाली वाली दुनिया की पहली एनडरायड (Android) घड़ी का अविष्कार किया।
होरासिस स्विटज़रलैंड का एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच है, जो ज्ञान के आदान - प्रदान, आपसी सहभागिता, उद्यम और विकास के लिए दुनिया के उद्यम नेतृत्व, राजनीतिक नेतृत्व और शिक्षाविदों को विचार के लिए साझा अवसर तथा मंच प्रदान करता है। इसके पहले यह आयोजन 2009 म्युनिख (जर्मनी), 2010 मैड्रिड (स्पेन), 2011 नेपल्स और 2012 एन्टवार्प (बेल्जियम) में हो चुका है।
पटना निवासी सिद्धांत वत्स एक गैर सरकारी संगठन ‘’फलक’’ के भी संस्थापक हैं और अपने संगठन के माध्यम से अपने देश की आम जनता और मानवता की सेवा करना चाहते हैं। वे होरासिस में विश्व की प्रसिद्ध बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के सौ से अधिक महारथियों के बीच अपने देश और दुनिया के विकास को लेकर एक भारतीय युवा के स्वप्नों और विचारों को साझा करेंगे। अपनी उद्यमिता और अविष्कारों से मानवता की सेवा का संकल्प लेनेवाले सिद्धांत वत्स सांस्कृतिक और सामाजिक खाई को पाटने के लिए गरीब बस्तियों और अनाथ बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक रहे हैं तथा उन्हें शिक्षित करते रहे हैं।
पटना निवासी सिद्धांत वत्स एक गैर सरकारी संगठन ‘’फलक’’ के भी संस्थापक हैं और अपने संगठन के माध्यम से अपने देश की आम जनता और मानवता की सेवा करना चाहते हैं। वे होरासिस में विश्व की प्रसिद्ध बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के सौ से अधिक महारथियों के बीच अपने देश और दुनिया के विकास को लेकर एक भारतीय युवा के स्वप्नों और विचारों को साझा करेंगे। अपनी उद्यमिता और अविष्कारों से मानवता की सेवा का संकल्प लेनेवाले सिद्धांत वत्स सांस्कृतिक और सामाजिक खाई को पाटने के लिए गरीब बस्तियों और अनाथ बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक रहे हैं तथा उन्हें शिक्षित करते रहे हैं।
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