बगहा जिला में शामिल करने का विरोध, नरकटियागंज को जिला बनाने की मांग
नरकटियागंज, नरकटियागंज के विकास से क्षुब्ध कतिपय राजनीतिज्ञों व नौकरशाहों ने शहर के विकास की गति को धीमी करने की नियत से नवसृजीत होने जा रहे बगहा जिला में शामिल करने की अनुशंसा का खुलकर विरोध प्रारम्भ कर दिया है। इसके पूर्व जनवरी 2013 में नरकटियागंज को जिला बनाने की मांग पत्रकार व अधिवक्ता ने किया है। नरकटियागंज शहर से पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया महज 36 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि 48 किलोमीटर है। गंडक उसपार के ठकराहाँ और पिपरासी प्रखण्ड जो बगहा से काफी करीब है को पश्चिम चम्पारण जिला में रखने की सिफारिश की गयी है। जबकि गौनाहा और नरकटियागंज प्रखण्ड को साजीश के तहत बगहा जिला में शामिल करने की बात सामने आई है। स्थानीय बुद्धिजीवियों ने नरकटियागंज को बगहा जिला में शामिल करने का विरोध करते हुए कहा है कि नरकटियागंज अप्रील 1991 में अनुमण्डल बना तो लोगो को काफी राहत मिली । इसके पूर्व लोगो को अनुमण्डलीय कार्य के लिए बेतिया जाना पड़ता था। फिलहाल नरकटियागंज के लौरिया, सिकटा, मैनाटांड, गौनाहा और नरकटियागंज प्रखण्ड के लोगो को मात्र 45 किलोमीटर की दूरी तय कर अपने कार्य सम्पन्न कर पुनः घर लौट जाने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। पाँच प्रखण्ड की आवाम को 80 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला मुख्यालय बेतिया जाना पड़ता है। ठंढ के मौसम में बेतिया जाने के लिए इण्टरसिटी एक्सप्रेस पकड़ने के लिए लोगो को साढे़ चार बजे सुबह पहँुचना काफी दुरूह कार्य साबित होता है। उसके बाद सप्तक्रान्ति सुपर फास्ट एक्सप्रेस पकड़ने के लिए साढ़े छव बजे सुबह पहुंचने के लिए भिखनाठोरी, भतुजला, मण्डिहा, सोनवर्षा और बनहवा परसा के लोगो के लिए तीन घंटे पूर्व घर से चलना पड़ता है। नरकटियागंज से बेतिया जाने के लिए सुबह सात बजकर तीस मिनट पर सवारी गाड़ी पकड़ने के लिए भी लोगो को घर से साढे चार या पाँच बजे निकलना पड़ता है। बरसात के दिनों में यह तो और भी कठिन हो जाता है, क्योकि नरकटियागंज अनुमण्डल क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों की अधिकांश जनता के आवागमन के लिए सहीं सड़के आज भी मौजूद नहीं है । बरसात के दिनों में छोटी-छोटी पहाड़ी नदी नालों को पार करना दुरूह हो जाता हैं। गर्मी के समय जब जिला के कार्यालय प्रातःकालीन हो जाते है तो लोगों की परेशानी बढ़ जाती है कि उन्हंे सवारी नहीं मिलती। सुबह तीन बजे सवारी गाड़ी पकड़ने के लिए कम से कम दो घंटे अथवा तीन घंटे पूर्व अपने घर से निकलना पड़ता है, जो सबके लिए संभव नहीं होता। सुबह की सप्तक्रान्ति सुपर फास्ट टेªन पकड़ना थारू, धांगड़, मुसहर और उराँव के अलावे आर्थिक रूप से दबे कुचले लोगो के लिए संभव नहीं है, उनके बस की बात नहीं बस से यात्रा तो वे कर नहीं सकते, क्योकि बस का किराया तो सुशासन की सरकार में प्रतिकिलोमीटर एक रूपया से ज्यादा है। अधिवक्ता सह दलित बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अबुलैश अली अंसारी और न्यु प्रेस क्लब नरकटियागंज के अध्यक्ष अवधेश कुमार शर्मा ने सरकार से मांग है कि सरकार जनहित, खासकर थारू आदिवासियों तथा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगो की सुविधा का ख्याल करते हुए नरकटियागंज को जिला घोषित करे। दोनो बुद्धिजीवियों ने सरकार से अनुरोध किया है कि नरकटियागंज को जिला बनाने की तमाम आवश्यक संसाधन यथा जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं है, क्योकि यहाँ ढे़र सारी जमीन सरकारी उपलब्ध है। सरकार को भूमिअधिग्रहण करने के लिए जमीन खरीदने में व्यर्थ रूपये खर्च नहीं करने पड़ेगे। सरकार ने नरकटियागंज से कम प्रखण्ड वाले अनुमण्डल को भी जिला बनाया है, लेकिन उसकी मंशा साफ को तब क्योकि अभी साठी को प्रखण्ड बनाने की मांग वर्षो से जारी है। नरकटियागंज अनुमण्डल में पाँच प्रखण्ड अभी है, जबकि जिला बनाते ही रामनगर को इसमें जोड़ दिया जाए तो वहां के दोन दोनवार कें आदिवासियों को काफी सुविधा होगी। इस प्रकार नरकटियागंज जिला में छव प्रखण्ड हो जाएंगे। जिला में कुल 18 प्रखण्ड है, उसके बाद बेतिया में छव, बगहा में छव और नरकटियागंज में छव प्रखण्ड हो जाएंगे। पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अरविन्द कुमार, व्यवहार न्यायालय बेतिया के अधिवक्ता अबुलैश अली अंसारी, स्थानीय अधिवक्ता पवन कुमार पाण्डेय, सुजीत वर्मा, जहाँगीर आलम खाँ, राजेश कुमार, मनोज कुमार, लक्ष्मण प्रसाद व अन्य ने कहा है कि यदि सरकार नरकटियागंज और इस क्षेत्र की जनता के साथ अत्याचार से बाज नहीं आती है तो आगामी चुनाव में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। नरकटियागंज अनुमण्डल की लाखों आवाम की सुविधा का ख्याल नहीं रखने वाले, उनके प्रिय नही हो सकते। नरकटियागंज जिला बनने की लगभग सारी अर्हता पूरी करता है। बावजूद इसके एक साजीश के तहत इसे जिला नहीं बनाया जा रहा है और बगहा जिला से जोड़ने की बात की जा रही है।
अवैध कब्जा करने वालों पर कार्रवाई और नरकटियागंज-गौनाहा को बगहा में शामिल करने का विरोध, अन्यथा आन्दोलन
नरकटियागंज, स्थानीय शहर के बुद्धिजीवियों ने मदन चैधरी के दरवाजे पर एक बैठक किया, जिसमें रघुवर शरण के जमीन पर हुए अतिक्रमण और अवैध कब्जा करने वालों के विरूद्ध 15 दिनों के अन्दर कार्रवाई करने अन्यथा सड़क यातायात बन्द करने, सर्वदलीय आन्दोलन यथा अनशन करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। इसके अलावे बैठक में विद्युत आपूर्ति नियमित करने, गलत बिजली विपत्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को प्रताडि़त करने और साजीश के तहत नरकटियागंज और गौनाहा प्रखण्ड को बगहा जिला में समायोजित करने का विरोध कियां गया। उक्त बैठक में बुद्धिजीवी वर्ग के अध्यक्ष नन्दन चैधरी, अधिवक्ता रंजीत वर्मा, राजद नेता मजहर आलम, पूर्व विधायक सुबोध कुमार पासवान, लोजपा नेता मंजीत वर्मा, अफरोज आलम युवा जदयु नेता, कांग्रेस नेत्री विमला देवी, राजद नेता शेख भोला, जदयु नेेता प्रहलाद प्रसाद, दलित सेना के मानसरोवर राम, जदयु के विजयमणि तिवारी, बसपा के तारकेश्वर राम व अन्य शामिल हुए और अपना समर्थन दिया।
बैल तस्कर भेजे गये जेल
नरकटियागंज(संवाददाता), स्थानीय शिकारपुर पुलिस ने तीन ट्रक में लदे करीब 75 बैलों को बैशखवा ढाठ में भेज दिया गया है और गिरफ्तार आठ लोगो को बेतिया न्यायालय भेजने की कार्रवाई की जा रहीं है। शिकारपुर थानाध्यक्ष रामनेरंश राम ने बताया इस बाबत काण्ड संख्या 125/13 दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है।
भाई ने भाई का किया जख्मी
नरकटियगंज(संवाददाता), शिकारपुर थाना के सुखलही गाँव में आपसी विवाद मंे सगे भाई ने भाई को धारदार हथयार से भाई को जख्मी कर दिया। बताते हैं कि छांगुर सहनी ने इन्द्रासन साहनी को विवाद में गाली गलौज के उपरान्त मार दिया । घायल अवस्था में उसे सरकारी अस्पताल नरकटियागंज में भर्ती कराया गया है।
बहू ने सास-ससुर पर लगाया दहेज प्रताड़ना का आरोप
नरकटियागंज(संवाददाता),, शिकारपुर थाना के गोबरधना गाँव की अनिता देवी पति बिजली साह ने अपने सास बासमती देवी, ंससुर मोहन साह को दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है। अनिता देवी ने बताया कि वह बुधवार की सुबह शिकारपुर थाना पर आयी है। बकौल अनिता दहेज के लिए सास और ससुर ने उसके बदन पर मिटटी तेल उडे़लकर आग लगाने का प्रयास किया, उसके बाद गाली गलौज और मारपीट किया। उक्त घटना मंगलवार की रात्री आठ बजे की है। उसने यह भी बताया कि मंगलवार की रात उसे दो बच्चो के साथ घर से निकाल दिया गया, तो वह फेंकू साह के घर रात्री में शरण ली। उसके बाद अहले सुबह शिकारपुर थाना पहुंची, जहाँ उसे झिड़की मिली उसके बाद थानाध्यक्ष ने जाँच कर उचित कार्रवाई करने को कहा है।
फांैकानिया और मौलवी की परीक्षा सम्पन्न
नरकटियागंज(संवाददाता), नरकटियागंज शहर के चार परीक्षा केन्द्रों पर शांतिपूर्ण कदाचारयुक्त मौलवी और फौंकानिया की परीक्षा सम्पन्न हो गयी। इस बावत परीक्षा केन्द्रो पर कदाचार का आलम यह रहा कि फोटो हटा कर परीक्षार्थियों ने दूसरे की फोटो लगा कर परीक्षा दी। दूसरी ओर केन्द्राधीक्षकों ने परीक्षार्थियों से सुविधा शुल्क के नाम पर 100 से दो सौ रूपये प्रति परीक्षार्थी अवैध वसुली की, नाम नहीं छापने पर फरजाना नामक परीक्षा देने वाली छात्रा ने बताया कि जिनलोगों ने रूपये नहीं दिये उन्हे प्रताडि़त भी किया गया। सूत्रों का कहना है कि राजकीय उच्चविद्यालय परीक्षा केन्द्र छात्रो से नहीं वसूलने वाले परीक्षा केन्द्र के तौर पर पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा। परीक्षा के दौरान जिस तरह का नजारा दिखा उससे जाहिर है कि उर्दूदाँ उर्दू की कब्र खोदने मंे लगें है। इससे कभी उर्दू का भला नहीं होगा। भविष्य मंे संस्कृत की भांति उर्दू पढने व लिखने वालों को ढूंढना पडे़गा। उच्च विद्यालय के प्रधान शिक्षक नृपेन्द्र तिवारी और सिद्धिक अहमद ने बताया कि हमारे परीक्षा केन्द्र पर पढने वाले ही जायज छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दिया है।
(अवधेश कुमार शर्मा)
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