नरकटियागंज (बिहार) की खबर (18 अप्रैल) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 18 अप्रैल 2013

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (18 अप्रैल)

नरकटियागंज, पश्चिम चम्पारण जिला के नरकटियागंज अनुमण्डल के गौनाहा प्रखण्ड स्थित ऐतिहासिक सोफा मंदिर में पूजा करने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वहाँ मंदिर परिसर में आयोजित एक खास सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह स्थान पुरातात्विक महत्व का है। इस स्थान का विकास निश्चित रूप से होना चाहिए। यहाँ सभी विभाग के सचिव व उच्चाधिकारी बैठे है, इनसे परामर्श कर इस दिशा मंे कारगर कदम उठाए जाएंगे। कला व संस्कृति विभाग के चंचल जी इस स्थल की जाँच करेंगे। वन विभाग से बात की जाएगी और आवश्यकता पड़ी तो उत्खनन का कार्य भी किया जाएगा। वनवासियों को उनका दिया जाएगा, यहाँ के लोग अच्छी सब्जी का उत्पादन कर लेते है। क्षेत्र के विकास के लिए अलग से प्रस्ताव किया जाएगा। श्री कुमार ने कहा कि तीन पंचायत के लोगो के लिए अलग से विकास कार्य किया जाएगा। उन्होंने बेतहनियाँ गाँव की चर्चा की जहाँ करीब दो दशक से नशाबंदी है, उन्होंने गुमस्ता प्रथा की चर्चा भी की। सोफा मंदिर के पुजारी कैरी निवासी रामनाथ और पहकौल निवासी ध्रुव पाण्डेय से मंदिर संबंधीत जानकारी लिया। उन्होनंे कहा कि यह वास्तव मंे एक टीला है, आवश्यकता पड़ी तो वन विभाग से मिलकर इसका उत्खनन करने की आवश्यकता पड़ी तो शीघ्र उत्खनन कार्य कराया जाएगा। गौरतलब है कि हेतु कुँवर गढ बड़वाटांड टीला पर बना है, जहाँ सोफा मंदिर है। जिसको लेकर क्षेत्र में कई दन्त कथाएं प्रचलित है। फिलहाल वहाँ सशस्त्र सीमा बल की बलबल बीओपी कार्यरत है। मुख्यमंत्री सोफा मंदिर मूलतः सरकारी कार्यक्रम के तहत पहँुचे थे। जहाँ चिन्हित लोगो को शामिल किया जाना था, जिसकी सूची बकौल थानाध्यक्ष अवधेश कुमार पुलिस के सहयोग से तैयार किया गया था। जिसमें काफी त्रुटियाँ थी, कार्यक्रम स्थल पर संवादसंकलन करने गये संवाददाताआंे से भी काफी पूछताछ की गयी । डीएसपी स्तर के अधिकारी एम के सिंह ने जब सांसद और विधायक को आने दिया और अन्य लोगो को कुर्सी से उठा कर हटा दिया गया तो स्थानीय लोगों ने काफी विरोध जताया और हंगामा किया तथा आग जला कर मुख्यमंत्री विरोधी नारे भी लगाये। सांसद,विधायक और जिला परिषद की अध्यक्षा समेत अन्य नेता और अधिकारी भी उग्र भीड़ के आक्रोश का शिकार बने। मुख्यमंत्री ने सोफा मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में 50 लोगो को बासगीत का पर्चा वितरीत किया। लेकिन जनसम्पर्क विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के इस कार्य की सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी। कार्यक्रम का संचालन जिला पदाधिकारी सी.श्रीधर ने किया, जिसमें मंत्री विजय कुमार चैधरी, सचिव स्तर के करीब सभी विभाग के अधिकारी,जिला के पुलिस व प्रशासन के अधिकारी, एसएसबी के कमाण्डेन्ट आरएस नेगी और जद यु के जिलाध्यक्ष, जिप अध्यक्ष, सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो , विधायेक भागीरथी देवी और सतीश दूबे मुख्य रूप से शामिल हुए। इसके पूर्व मुख्यमंत्री जमुनिया स्थित रघुवर उच्चवि़द्यालय के हेली पैड पर उतरे और सहोदरा माता के मंदिर पहुंच दर्शन किया। उसके बाद सांेफा मंदिर पहुचे उसके उपरांत वे मंगूराहा वन के विश्रामालय में भोजन कर महात्मागांधी के प्रसिद्ध भितिहरवा आश्रम पहुचंे। उन्होंने आश्रम के हालात को देखा संग्राहालय को देखा, चित्र प्रदर्शनी को देखा और अपने साथ आए अधिकारियों को कुछ हिदायते दी । उन्होने भितिहरवा आश्रम को जमीन मुहैया कराने वाले मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य को देखा और मंदिर में पूजा भी की। उसके बाद उन्होने पूछा की इसकी देख रेख कौन करता है, किसी अधिकारी ने बताया अंचलाधिकारी गौनाहा, उन्होंने डीएम से अंचलाधिकारी के संबंध में पूछताछ की तो उन्होने क्या कहा सभी नहीं सुन सके, लेकिन जानकारी मिली कि वे अस्वस्थ है। मंदिर के आय व्यय और जमीन की जानकारी उन्होंने ली। मुख्यमंत्री ने आश्रम में जर्जर पर्यटक भवन को देखा और उसके विभागीय सचिव और अभियंता से इस संबंध में जानकारी मांगी। महात्मागाँधी जिस कुँआ और कस्तुरबा जिस चक्की का उपयोग करती थी उसे देख कर आश्चर्यचकित दिखंे मुख्यमंत्री। 


(अवधेश कुमार शर्मा) 

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