1993 से 2010 तक आवंटित कोयला ब्लॉक अनधिकृत एवम अवैध. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 24 अप्रैल 2013

1993 से 2010 तक आवंटित कोयला ब्लॉक अनधिकृत एवम अवैध.


देश में कोयला ब्लॉकों अथवा खदानों के आवंटन में हो रही मनमानी का पूरा काला चिट्ठा एक संसदीय समिति ने बाकायदा पेश कर दिया है। इस पैनल ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि वर्ष 1993 से लेकर वर्ष 2010 तक जितने भी कोयला ब्लॉकों का आवंटन हुआ वे सभी अनधिकृत एवं अवैध थे। इसके साथ ही संसदीय समिति ने मंगलवार को सुझाव दिया कि जिन कोयला ब्लॉकों में अब तक उत्पादन शुरू नहीं हुआ है, उनका आवंटन निरस्त कर दिया जाए।

 कोयले व स्टील पर गठित स्थायी संसदीय समिति ने मंगलवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस दौरान कोयला ब्लॉकों का आवंटन बेहद गैर पारदर्शी तरीके से किया गया। समिति का कहना है कि इस दौरान तत्कालीन सरकारों ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए कुछ 'भाग्यशाली' कंपनियों को इस प्राकृतिक संसाधन का आवंटन किया। पैनल के अध्यक्ष व तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, 'इस दौरान कोयला खदानों का आवंटन बेहद गलत तरीके से किया गया।

बनर्जी ने इसके साथ ही इस बात पर जोर दिया है कि कोयला ब्लॉकों की आवंटन प्रक्रिया में जो भी अधिकारी शामिल थे, उनकी भूमिका की जांच कराई जानी चाहिए।' समिति का कहना है कि खुद के लाभ के लिए कोयला ब्लॉकों का आवंटन जिस अवैध ढंग से किया गया, उससे राजकोष को भारी नुकसान हुआ। जब बनर्जी से यह पूछा गया कि आखिरकार राजकोष को कितना नुकसान हुआ है तो उस बारे में उन्होंने कहा, 'हमारी ओर से बार-बार पूछे जाने के बावजूद कोयला मंत्रालय ने न तो कोयले की मात्रा और न ही उसकी कीमत के संबंध में कोई जानकारी दी।

हम कोई जांच एजेंसी नहीं हैं, इसलिए हम नुकसान का आकलन करने की स्थिति में नहीं हैं।' रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन के लिए न तो कोई नीलामी की गई और न ही केंद्र सरकार ने कोई राजस्व अर्जित किया।' जब कल्याण बनर्जी से यह पूछा गया कि क्या तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी भी इसमें शामिल थीं, तो उन्होंने कहा कि हर कोयला मंत्री आवंटन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था। मालूम हो कि राजग सरकार में ममता बनर्जी ही कोयला मंत्री थीं।

कोई टिप्पणी नहीं: