2-G घोटाले मामले में मनमोहन सिंह और चिदंबरम को क्लीनचिट. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 18 अप्रैल 2013

2-G घोटाले मामले में मनमोहन सिंह और चिदंबरम को क्लीनचिट.


 2-G घोटाले के मामले में प्रधानमंत्री को जेपीसी से क्लीनचिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी के सांसद पीसी चाको इस समिति के अध्यक्ष हैं। इस समिति ने वित्तमंत्री पी चिदंबरम को भी क्लीनचिट दी है। इस समिति में भाजपा के अलावा अन्य पार्टी के सांसद भी सदस्य रहे हैं।

 जेपीसी की ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि उस वक़्त के टेलीकॉम मंत्री ए राजा ने नीति में बदलाव की जानकारी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उस वक्त के वित्त मंत्री पी चिदंबरम को नहीं दी थी. ग़ौरतलब है कि सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2-जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में 1.76 लाख करोड़ का नुसकान हुआ है.

जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2-जी का लाइसेंस 'पहले आओ पहले पाओ' की नीति पर दिया गया था, लेकिन कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस पॉलिसी के मानदंडों में छेड़छाड़ की गई. जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 'पहले आओ पहले पाओ' की नीति के कुछ मानदंडों से छेड़छाड़ में प्रधानमंत्री और पी चिदंबरम की कोई भूमिका नहीं थी और ए राजा ने यह बदलाव प्रधानमंत्री को बिना जानकारी दिए ही किए थे.

जेपीसी की ड्राफ्ट रिपोर्ट में पीएम को क्लीनचिट देते हुए कहा गया है, "समिति का मानना है कि लाइसेंस देने के टेलीकॉम विभाग की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री को गुमराह किया गया है. साथ ही तय नियमों में पूरी पारदर्शिता बरतने के लिए टेलीकॉम मंत्री के प्रधानमंत्री के आश्वासन का भी पालन नहीं हुआ." जेपीसी की रिपोर्ट में सीएजी पर निशाने साधते हुए कहा गया, "लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार के हर अंग से उम्मीद की जाती है कि अधिकतम सावधानी बरतते हुए तय सीमा नहीं लांघी जाए. इसलिए समिति एक कल्याणकारी राज्य में सरकार की नीतियां बनाने के अधिकार की पुष्टि करते हैं और किसी भी स्थिति में इन नीतियों का ना तो ऑडिट हो सकता है और ना ही नुकसान का हिसाब लगाया जा सकता है."

सीएजी पर आगे कहा, "जब रेगुलेटर ट्राई स्पेक्ट्रम की नीलामी और एंट्री फी बढ़ोतरी का लगातार विरोध करता रहा ऐसे में यह हैरान कर देने वाला है कि ऑडिट में लाइसेंस और स्पेक्ट्रम देने पर नुकसान का विचार आए. इसलिए समिति की नजर में लाइसेंस और स्पेक्ट्रम के आवंटन पर किसी नुकसान का हिसाब लगना ही व्यर्थ काम है." याद रहे कि कुछ दिनों पहले ही बीजेपी ने जेपीसी के चैयरमेन पीसी चाको की यह कहकर आलोचना की थी कि वे प्रधानमंत्री को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

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