तेलुगु लेखक रावुरी भारद्वाज को बुधवार को यहां वर्ष 2012 के ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया। ज्ञानपीठ के निदेशक रवीन्द्र कालिया ने बताया कि तेलुगु के वरिष्ठ लेखक डॉ रावुरी भारद्वाज को यहां हुई प्रवर परिषद की बैठक में 2012 के ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया। उनके अभी तक तेलुगु में 24 लघुकथा संग्रह, नौ उपन्यास और चार नाटक प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि भारद्वाज का जन्म 1927 में तत्कालीन हैदराबाद स्टेट के मोगुलूरू गांव में हुआ था, जहां से वह बाद में आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में ताडीकोंडा गांव चले गए। भारद्वाज ने बाल साहित्य लेखन भी किया।
कालिया ने बताया कि आठवीं तक औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले रावुरी भारद्वाज को तीन विश्वविद्यालयों ने डाक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। भारद्वाज ने द्वितीय विश्व युद्ध में तकनीशियन, कारखाने और पिंट्रिंग प्रेस के अलावा साप्ताहिक पत्रिका जामीन रायतु एवं दीनबंधु के संपादकीय विभाग में कार्य किया है।
प्रवर परिषद के संयोजक ने बताया कि भारद्वाज का शुमार उन लेखकों में होता है, जिन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को कलम और शब्दों के माध्यम से कागज पर उकेरा। उन्होंने बताया कि उड़िया लेखक सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता वाली प्रवर परिषद में प्रो दिनेश सिंह, नित्यानंद तिवारी, अमिया देब, शंकर शारदा, आलोक राय, आर शौरी और सुरजीत पातर शामिल थे।
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