सेक्स क्षमता बढ़ाने, महिलाओं के गर्भधारण की गारंटी, मोटापा व सफेद दाग की समस्या से निजात दिलाने संबंधी प्रतिबंधित विज्ञापन देने वाली 21 कंपनियों एवं क्लीनिकों के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी में शनिवार को मुकदमा दर्ज कराया गया गया है। लखनऊ निवासी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की शिकायत पर गोमतीनगर थाने में औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम-1954 के तहत ये मुकदमा दर्ज किया गया है।
जिन 21 कंपनियों और क्लीनिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उसमें मुख्य रूप से साईं सफेद दाग, कैप्सूल मोर पवर, सेक्स ग्रो पवर, टाइटेनिक के-2 कैप्सूल, योको फार्मेसी, डा़ पी.के. जैन क्लीनिक, डा़ ए.के. जैन क्लीनिक, जौली बावासीर, अल्ताज दवाखाना, पारस मेडिको, हाशमी दवाखाना, डी फिट कैप्सूल और संन्यासी क्लीनिक शामिल हैं।
अमिताभ और नूतन ने शिकायत में ये कहा कि इस अधिनियम की धारा-3 के अनुसार, लोगों की सेक्स क्षमता बढ़ाने, महिलाओं के गर्भधारण व मासिक धर्म में गड़बड़ी तथा मोटापा सहित 54 बीमारियों से जुड़े किसी भी प्रकार के विज्ञापन पर पूरी तरह प्रतिबंध है और धारा-5 में सभी प्रकार के जादुई उपचार, जैसे तंत्र-मंत्र, कवच, ताबीज से जुड़े विज्ञापनों पर प्रतिबंध है। इसके बाद भी तमाम कंपनियां और लोग इस प्रकार के प्रतिबंधित विज्ञापन विभिन्न समाचार पत्रों और टीवी चौनलों पर प्रकाशित और प्रसारित करवा रहे हैं। अमिताभ और नूतन ने इससे पूर्व इस संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें अदालत ने उन्हें पहले पुलिस के पास जाकर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए थे।
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