झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा गुरूवार को बिरसामुंडा जेल से उच्च न्यायालय द्वारा दी गयी तीन सप्ताह की अस्थाई जमानत पर रिहा हो गये .मधु कोड़ा को चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न घोटालों में तीस नवंबर, 2009 को गिरफ्तार किया गया था और तब से किसी न किसी मामले में जमानत न मिल सकने के कारण लगातार बिना सजा पाये वह यहां बिरसामुंडा जेल में बंद रहे हैं. गुरूवार को उनके वकीलों ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण मामले में भी उनका जमानत पत्र सीबीआई अदालत में पेश कर दिया जिसे अदालत ने स्वीकार कर जेल से उनकी रिहाई का आदेश दे दिया. जिसके बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया.
मंगलवार को कोड़ा को झारखंड उच्च न्यायालय ने बीमार मां के इलाज के लिए चार सौ करोड़ रुपये से अधिक के राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में तीन सप्ताह की अस्थाई जमानत दे दी थी लेकिन बुधवार को उनका जमानत पत्र सीबीआई अदालत में समय पर जमा न हो सकने के कारण वह जेल से रिहा नहीं हो सके थे और यह मामला आज के लिए विचारार्थ रखा गया था.
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एच सी मिश्रा की पीठ ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए मधु कोड़ा को एक-एक लाख रुपये की दो जमानतों पर तीन सप्ताह की अस्थाई जमानत दे दी थी. बुधवार को मधु कोड़ा के वकीलों ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश आर के चौधरी की अदालत में कोड़ा को पूर्व में आय से अधिक संपत्ति और हवाला मामले में मिली जमानत के पत्र पेश किये थे जिन्हें अदालत ने स्वीकार कर लिया था. इसके पूर्व कोड़ा को आईटी मामले में मिली जमानत के पत्र अदालत में पेश किये जा चुके थे. लेकिन उनके वकील झारखंड उच्च न्यायालय से कल सीबीआई अदालत में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण मामले में मिली जमानत के पत्र विलंब से आने के कारण इस मामले में समय से जमानत पत्र नहीं जमा कर सके थे जिसके चलते कल बिरसा मुंडा जेल से उनके रिहा होने के निर्देश नहीं जारी हो सके. मधु कोड़ा का जेल के बाहर स्वागत करने के लिए चाईबासा के उनके चुनाव क्षेत्र के भी दर्जनों लोग पहुंचे थे. जेल से रिहा होने के बाद कोड़ा सीधे अपोलो में अपनी बीमार मां को देखने पहुंचे .
मधु कोड़ा को अपने मुख्यमंत्रित्व काल में झारखंड में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के क्रि यान्वयन में चार सौ करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला करने के आरोप में अबतक जमानत नहीं मिल सकी है जबकि हवाला, आय से अधिक संपत्ति समेत भ्रष्टाचार के अन्य सभी मामलों में उन्हें उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय से पहले ही जमानत मिल चुकी है. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के क्रियान्वयन में घोटाले से जुड़े इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
मधु कोड़ा भ्रष्टाचार के चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के विभिन्न मामलों में तीस नवंबर, 2009 से ही रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद थे और लगभग चालीस माह बाद आज पहली बार अस्थाई जमानत पर वह रिहा हुए. उच्च न्यायालय में कोड़ा के अधिवक्ता ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री की मां की हालत बहुत खराब है और वह इस समय रांची स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं. उन्हें देखरेख और बेहतर इलाज की आवश्यकता है.
न्यायालय ने इस आधार पर कोड़ा को अपनी मां के बेहतर इलाज और देखरेख के लिए तीन सप्ताह की अस्थाई जमानत दी है लेकिन उनके विदेश जाने पर रोक लगाते हुए अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करने के निर्देश दिये हैं.
न्यायालय ने कोड़ा पर जमानत के लिए अनेक और शर्तें लगायीं जिनमें यह भी शामिल है कि वह अस्थाई जमानत के दौरान अपने निवास स्थान के बारे में सीबीआई को जानकारी देते रहेंगे. न्यायालय ने उन्हें तीन सप्ताह बाद अदालत में वापस आत्मसमर्पण कर देने के निर्देश दे रखे हैं.
कोड़ा 2006 से 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री थे और वह अजरुन मुंडा की सरकार से विद्रोह कर के मुख्यमंत्री बने थे. उनकी सरकार को संप्रग दलों ने समर्थन दिया था जिनमें कांग्रेस, लालू की राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा भी शामिल थे.
मधु कोड़ा पर अवैध रूप से कमाई गयी राशि में से हवाला के माध्यम से हजारों करोड़ रुपया खाड़ी के देशों और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में निवेश करने, राज्य की खनिज संपदा का अनाप शनाप ढंग से अवैध लीज देने, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में हैदराबाद की कंपनी को गलत ढंग से ठेका देने एवं अनेक अन्य सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार करने और अपने पद का दुरुपयोग करने के मामले दर्ज हुए जिनकी जांच सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और झारखंड निगरानी ब्यूरो कर रहे हैं.
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