6 साल के बाद भी भूमिहीन परिवारों को भूमि उपलब्ध नहीं
पटना। एकता परिषद,बिहार के बैनर तले 9 माह तक धरना-प्रदर्शन करने वालों को खाली हाथ ही लगा। दीघा नहर और पाटलिपुर रेलवे स्टेशन के किनारे रहने वालों ने दानापुर अंचल कार्यालय के सामने सत्याग्रह कर रहे थे। इस दौरान तेतरी देवी नामक सत्याग्रही की मौत हो गयी थी। इस सत्यागह को दबाने के लिए दानापुर अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा सत्याग्रहियों पर धारा 107 लगाकर परेशान भी किया गया।
माननीय उच्च न्यायालय,पटना में जनहित याचिका दायर करने के बाद भी सरकार और नौकरशाहों के द्वारा विस्थापन के दंश झेलने वालों के पक्ष में कार्य नहीं किया गया। यहां तक की राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आयुक्त एवं सचिव बी.बी.श्रीवास्तव के द्वारा प्रेषित पत्र को पटना जिले के समाहर्त्ता ने तवज्जों नहीं दिया। पटना जिलान्तर्गत दानापुर अंचल के मौजा शाहपुर में गृहविहीन/भूमिहीन परिवारों को भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में पत्र लिखा गया था। आज टेसलाल वर्मा नगर के गरीब लोग विस्थापन के मुहान पर खड़े हैं। कभी भी दीघा नहर और पाटलिपुत्र रेलखंड के किनारे रहने वालों को खदेड़ा जा सकता है।
बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आयुक्त एवं सचिव बी.बी.श्रीवास्तव ने संख्या-8/गृह स्थल-04-02/2007....../रा0 ने समाहर्त्ता,पटना कोे पत्र लिखा। पत्र में उल्लेख किया गया कि पटना जिलान्तर्गत दानापुर अंचल के मौजा शाहपुर में गृहविहीन/भूमिहीन परिवारों को भूमि उपलब्ध कराया जाए। निदेशानुसार उपर्युक्त विषयक विभागीय पत्रांक - 171 (8) रा.दिनांक -30-7-06 के संदर्भ में कहना है कि मूल अभिलेख संख्या- 28/2002-3 वापस करते हुए आपसे अनुरोध किया गया था कि उसमें सम्मिलित व्यक्तियों की पात्रता की भली-भांति जांचकर विशिश्ट मामलों में गृहविहीन/भूमिहीन सुयोग्य श्रेणी के परिवार को गैर मजरूआ/सरकारी भूमि पर बसाने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाय परन्तु कृत कार्रवाई की सूचना सरकार को अभीतक अप्राप्त है।
इस संबंध में एकता परिषद,बिहार से बराबर अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। ज्ञातव्य है कि विभागीय पत्र संख्या-3/भू.सु. पंचायत - 22/2001-732 (रा.) दिनांक- 26-9-2001 के द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों की शक्तियों का प्रतिनिधायन के संबंध में सूचना आपको भेजी जा चुकी है जिसकी कंडिका- 4 में यह स्पश्ट उल्लेख है कि ‘ग्राम पंचायत के अन्तर्गत गृहविहीनों को गृहस्थल उपलब्ध कराने हेतु गृहस्थल का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जायेगा। गृहविहीनों की सूची ग्राम पंचायत इस उद्देश्य हेतु जमीन अधिग्रहण करने एवं तदनुसार आवायक राशि की व्यवस्था करने का प्रस्ताव पंचायत समिति तथा जिला परिषद के माध्यम से सरकार को देगी।’इसके अलावे बिहार प्रिविलेज पर्सन्स होमस्टेट टेनेन्सी एक्ट 1947 की धारा (2) में विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्तियों की परिभाषा है। विभागीय पत्र संख्या-11/भू.सु.वि.-6/99-749 द्वारा पूर्व में ही आपको निदेश दिया जा चुका है किः- (1) देहाती क्षेत्रों में रैयती भूमि पर यदि गृहविहीन व्यक्ति पूर्व में अपना आवास बनाकर रह रहे हैं सो उनके साथ बिहार विशेषाधिकृत प्रक्षय प्राप्त वास भूमि काश्तकारी अधिनियम के प्रावधान के अन्तर्गत तुरंत अग्रेत्तर कार्रवाई की जाय। (2) देहाती क्षेत्रों में उपलब्ध गैर मजरूआ (गैर मजरूआ आम रहित) को चिन्हित कर सुयोग्य श्रेणी के सभी गृहविहीन परिवारों को आवास हेतु कम से कम चार डिसमिल भूमि की बंदोबस्ती की जाय। गैर महरूआ आम भूमि की यदि प्रकृति बदल गई है तो ऐसी भूमि की बंदोबस्ती का विधिवत बंदोबस्ती प्रस्ताव कृपया प्रमंडलीय आयुक्त के ही माध्यम से सरकार को भेजा जाय। (3) यदि उपलब्ध गैर मजरूआ भूमि से उस गांव के सभी सुयोग्य श्रेणी के गृहविहीन परिवारों को आवासीय भूमि बंदोबस्ती नहीं होती है, तो कृपया अधीनस्थ पदाधिकारी से सर्वेक्षण कराकर यह सुनिष्चित हो लिया जाय, कितने गृहविहीन परिवार बचते हैं। उन्हें आवास हेतु कम से कम चार डिसमिल भूमि के हिसाब से रैयती भूमि अर्जन करने के लिए अनुमानित व्यय का विधिवत प्रस्ताव भेजा जाय ताकि निधि की व्यवस्था कर भू-अर्जन कर आवासीय भूमि उपलब्ध कराई जा सके। इसके अलावे इस मामले में यह भी महत्वपूर्ण है कि रेलवे लाईन के किनारे बसे व्यक्ति कि गांव से आकर बसे और उस गांव में उनके स्वामित्व में भूमि मकान की स्थिति क्या है? अनुरोध है कि रेलवे लाईन के किनारे बसे एवं विस्थापित व्यक्तियों के बारे में नियमानुसार कार्रवाई की जाय एवं कृत कार्रवाई की सूचना सरकार को एक माह के अंदर भेजने की कृपा की जाय।
---अलोक कुमार---
पटना
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