ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह को क्यूबा और साइप्रस दौरे पर जाने वाली भारतीय मुक्केबाजी टीम से बाहर कर दिया गया है। विजेंदर पर ड्रग्स लेने का आरोप है। विजेंदर (27) ने शुक्रवार और शनिवार को पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में हुए चयन ट्रायल में हिस्सा नहीं लिया। जिसके बाद उन्हें टीम में नहीं चुना गया। इससे पहले, भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ (आईएबीएफ) के उपाध्यक्ष नीवरन मुखर्जी ने कहा था कि अगर विजेंदर ट्रायल्स में हिस्सा नहीं लेंगे, तो उन्हें टीम में नहीं लिया जाएगा।
एक समाचार चैनल से बात करते हुए आईएबीएफ के अध्यक्ष अभिषेक मटोरिया ने कहा, "विजेंदर टीम से बाहर नहीं है, लेकिन उन्हें क्यूबा और साइप्रस के खिलाफ टूर्नामेंट में शामिल नहीं किया गया है।" विजेंदर क्यूबा में दो प्रतियोगिताओं में कार्दोवा कार्डिन और रोबटरे बालदो कप में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि वह कजाकिस्तान में 4 अक्टूबर से होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगे।
मटोरिया ने कहा, "मैं पिछले कुछ समय में विजेंदर से लगातार संपर्क में हूं। उसने मुझे भरोसा दिलाया कि है कि इस मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है और जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा। अभी विजेंदर पर काफी दबाव है। विजेंदर को उम्मीद है कि अगले 10 दिनों में उसे क्लीन चिट मिल जाएगी, जिसके बाद वह मुक्केबाजी रिंग में दोबारा उतरेंगे।"
इससे पहले, विजेंदर ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को अपने पेशाब और खून के नमूने सौंप दिए थे। खून और पेशाब में पिछले तीन दिन में यदि ड्रग्स लिया हो तो ही उसके बारे में पता चलता है। जबकि बालों से पिछले तीन महीनों में ड्रग्स ली है या नहीं, का पता चलता है। रोचक बात यह कि नाडा के पास बालों के सैंपल जांचने की सुविधा नहीं है।
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