इन्वेस्टर्स के 24 हजार करोड़ रुपये अभी तक नहीं लौटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सहारा ग्रुप और इसके चेयरमैन सुब्रत राय को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने रिलीफ के लिए विभिन्न फोरम में जाने पर भी सहारा ग्रुप को आड़े हाथ लिया। जस्टिस के. एस. राधाकृष्णन और जस्टिस जे. एस. केहर की बेंच ने कहा कि अगर सहारा ग्रुप ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की है तो यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है। अगर सहारा फिर से सेबी में अपील करता है तो भी यह इस कोर्ट की तौहीन है।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का टाइम दिया है। कोर्ट ने सुब्रत रॉय और दो डायरेक्टरों अशोक रॉय चौधरी व रवि शंकर दुबे को हिरासत में लेने संबंधी सेबी की याचिका पर भी नोटिस जारी किए। सेबी ने इन्वेस्टरों का पैसा वसूलने के लिए इन्हें हिरासत में लेने का आदेश जारी करने का आग्रह किया है।
सहारा ग्रुप कई तरह के कारोबार में लगा है, जिसमें मनोरंजन से लेकर जमीन-जायदाद के डिवेलपमेंट और वित्तीय सेवाओं से लेकर होटेल तक के कारोबार शामिल हैं। रॉय ने कहा था कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की कार्रवाई के चलते उनकी बाकी कंपनियों के कारोबार पर असर पड़ रहा है। सेबी ने रॉय और उनके तीन सहयोगियों को उनकी और सहारा समूह की दो कंपनियों - एसआईआरईसीएल और एसएचसीआईएल - की संपत्तियों की पुष्टि के लिए बुलाया था, ताकि इस संपत्तियों की नीलामी के जरिए धन जुटाकर निवेशकों का पैसा लौटाया जा सके।
सेबी का आरोप है कि एसआईआरईसीएल और एसएचसीआईएल ने बॉन्डधारकों से 6,380 करोड़ रुपये और 19,400 करोड़ रुपए जुटाए थे, लेकिन धन जुटाने के लिए कई तरह की अनियमिताताएं की गईं। सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों के तीन करोड़ से अधिक बॉन्डधारकों का पैसा लौटाने का आदेश दे रखा है और निवेशकों का सत्यापन करते हुये पैसा लौटवाने का काम सेबी को दिया गया है।
अपनी बात पर कायम रॉय का दावा है कि रिजर्व बैंक और सेबी के कुछ अधिकारी निजी खुन्नस के कारण उनके ग्रुप को निशाना बनाये हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में उनका 60 फीसदी समय सेबी से लड़ने में जाया हुआ, जबकि उसका सदुपयोग रचनात्मक काम में हो सकता था। उन्होंने कहा, 'इस कारण हमें बहुत नुकसान हुआ है।' यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं, उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर हमें प्रताड़ित किया जा रहा है। सेबी हमें बिना वजह ही निशाने पर रखे हुए है।
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