महिला सुरक्षा के लिए और कदम उठाने की जरूरत : पी एम् - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 7 अप्रैल 2013

महिला सुरक्षा के लिए और कदम उठाने की जरूरत : पी एम्


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि पिछले साल दिल्ली में हुए क्रूरतापूर्ण सामूहिक दुष्कर्म के बाद महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित कानून में संशोधन लाने के लिए सरकार ने तेजी से काम किया, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि इस दिशा में अभी और बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। राष्ट्रीय राजधानी में मुख्यमंत्रियों एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीशों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में 16 दिसंबर को चलती बस में 23 साल की युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद देशभर में जबर्दस्त गुस्सा देखा गया। इस घटना ने दुष्कर्म विरोधी कानून और न्यायिक तंत्र में तुरंत हस्तक्षेप की बाध्यता पैदा की, लेकिन हमें अपने कानूनी ढांचे में दिखाई देने वाली कमियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने से संबंधित कानूनों में संशोधन के लिए तेजी से कदम उठाए, लेकिन इस दिशा में और भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। याद रहे कि दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में पांच लोगों और एक किशोर ने 23 वर्ष की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस घटना में घायल युवती की 13 दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें गठित करने के लिए न्यायपालिका को धन्यवाद दिया। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जो कदम उठाए गए हैं, उसके अलावा महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम के लिए और भी कदम उठाए जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि न्यायपालिका में सुधार मौजूदा समय की 'नई आवश्यकता' है। राजनीतिक मतभेदों के बीच कानून के मौलिक सिद्धांतों एवं प्राकृतिक न्याय को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

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