शिवराज के परिजनों पर भूखंड हथियाने का आरोप - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

शिवराज के परिजनों पर भूखंड हथियाने का आरोप


कांग्रेस पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिजनों पर फर्जी तरीके से रजिस्टी कराकर भूखंड हड़पने का आरोप लगाया है। साथ ही इस पूरे प्रकरण की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री चौहान के रिश्तेदारों पर फर्जी तरीके से रोहित गृह निर्माण सोसायटी में भूखंड आवंटित कराने का आरोप लगाते हुए कई दस्तावेज भी जारी किए हैं। अग्रवाल का आरोप है कि मुख्यमंत्री के परिजनों व करीबियों ने नियम विरुद्घ समिति की सदस्यता प्राप्त कर भूखंड हथिया लिए। वहीं समिति के मूल सदस्यों को राशि जमा करने के बावजूद भूखंड आवंटन से वंचित रखा गया है।

अग्रवाल ने बताया है कि सोसायटी का पंजीयन मार्च 1983 में हुआ था, वर्ष 2003 तक सोसायटी ने 1500 सदस्य बनाए थे और सोसायटी को 100 एकड़ जमीन पर 1459 भूखंड उपलब्ध थे। उसके बाद भाजपा सत्ता में आई और मुख्यमंत्री के परिजनों व करीबियों को नियम विरुद्घ सदस्य बनाया गया और सदस्य संख्या 2,450 हो गई। यह गड़बड़ी सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2005 में कराए गए आडिट में भी उजागर हुई है। अग्रवाल का आरोप है कि आडिट और अधिकारी स्तर की जांच में गड़बड़ियों का खुलासा होने के बाद न तो अवैध सदस्यों की सदस्यता रद्द की गई और न ही कार्रवाई की गई। इस सोसायटी से जुड़े लोगों को मुख्यमंत्री का संरक्षण है, इसीलिए इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। 

वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एक बयान जारी कर रोहित गृह निर्माण समिति में मुख्यमंत्री के परिजनों द्वारा फर्जी तरीके से हड़पे गए भूखंड के बारे में शिवराज सिंह चौहान से जवाब मांगा है। साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा है कि रोहित गृह निर्माण समिति में फर्जी तरीके से भूखंड हासिल करने वालों में मुख्यमंत्री के भाई रोहित सिंह चौहान, मुख्यमंत्री के भाई की पत्नी रश्मि चौहान, दूसरे भाई की पत्नी अनीता चौहान, भतीजा प्रद्युम्न चौहान, भांजा ब्रजेश चौहान, भाई का दामाद धमेन्द्र सिंह चौहान, भाई का साला सुभाष वर्मा, मुख्यमंत्री के निजी सचिव हरीश सिंह एवं उनकी करीबी सीमा चौहान के नाम शामिल हैं।

ये वे लोग हैं जो रोहित गृह निर्माण समिति के सदस्य नहीं थे। बाद में फर्जी तरीके से पुराने सदस्यों का हक छीनते हुए रोहित गृह निर्माण समिति के संचालक मंडल ने मुख्यमंत्री के प्रभाव में इन लोगों को भूखंड आवंटित कर दिए। यही नहीं इनमें से मुख्यमंत्री के कुछ रिश्तेदारों ने तो अपने भूखंड बेंचकर उसमें मुनाफा भी कमा लिया। कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों पर सरकार का पक्ष जानने के लिए सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा से संपर्क किया गया, मगर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल सका। 

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