झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद मधु कोडा को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने संपत्ति की घोषणा करने से छूट दे दी है। सदन के नियमों के तहत सदस्यों के लिए सम्पत्ति की घोषणा करना अनिवार्य होता है।
गौरतलब है कि कोडा पर भ्रष्टाचार सहित कई आरोपों में जांच चल रही है। अध्यक्ष ने कोडा के आग्रह पर यह छूट दी है, लेकिन किस आधार पर यह छूट दी गयी है, इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस सूचना को सूचना के अधिकार कानून के तहत सार्वजनिक किया गया। सूचना यह भी मिली कि कोडा के अलावा उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से सांसद हर्षवर्धन और बिहार के बांका से निर्दलीय सांसद पुतुल कुमारी ने भी लोकसभा को अपनी संपत्तियों और देनदारियों का ब्योरा नहीं सौंपा है।
लोकसभा सचिवालय से आरटीआई पर मिले जवाब में कहा गया कि नियमों के तहत निर्वाचित सदस्यों की परिसंपत्तियों और देनदारियों का रजिस्टर गोपनीय होता है। एक अप्रैल 2013 की स्थिति के अनुसार लोकसभा के तीन सदस्यों हर्षवर्धन, कोडा और पुतुल ने अपनी परिसंपत्तियों और देनदारियों का ब्योरा लोकसभा को नहीं सौंपा है। कोडा को अध्यक्ष ने छूट दी है। इस समय कोडा के खिलाफ सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग जांच कर रहे हैं। उन पर झारखंड में मुख्यमंत्री रहते भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति, धन के हेरफेर के आरोप हैं।
राज्यसभा से भी मिली इसी तरह की जानकारी में कहा गया कि भाजपा के अजय संचेती, सपा के दर्शन सिंह यादव, बसपा के मुनकाद अली, कांग्रेस के नरेन्द्र बुधानिया और प्रदीप कुमार बालमुचू ने अपनी संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा नहीं दिया है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें