बिन्द समुदाय को खेवनहार की तलाश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

बिन्द समुदाय को खेवनहार की तलाश


बिहार प्रदेश बिन्द विकास महासंघ की बैठक


गया । बिन्द समुदाय के द्वारा मिट्टी की कटाई करने का काम किया जाता है। इनको मिट्टी की कटाई करने में महारत हासिल है। पेशेवर रूख अपनाने वाले लोग समुदाय दूसरो की मकान की बुनियाद मजबूती से खड़ा करने में दिमाग चलाते हैं। परन्तु खुद के अपने परिवार की बुनियाद मजबूत करने में पिछड़ जाते हैं। आज भी दाने-दाने को मोहताज है। मिट्टी की कटाई से पेट नहीं भरता तो भारी व्याज पर रकम लेकर बटाईधारी खेती करने को बाध्य है। तब जाकर दो जून की रोटी नसीब हो पाती है। 
  
कहने को अपना बिहार में बिन्द समुदाय की संख्या 45 लाख की है। इसमें 75 प्रतिशत परिवार बीपीएल में हैं। मात्रः 25 प्रतिशत ही एपीएल में हैं। शासक के द्वारा सदैव ठगा गया है। इनको वोट बैंक की तरह ही इस्तेमाल किया गया है। आजादी के 65 साल के बाद भी स्थिति में सुधार न हो सका है। इसके आलोक में राज्यभर के बिन्द जाति के लोगों को गोलबंद करने का प्रयास किया जा रहा है। जगदीश प्रसाद बिन्द की अध्यक्षता में बिहार प्रदेश बिन्द विकास महासंघ बनाया गया है। इसी के नाम पर समुदाय की हित में बात की जाती है।
   
पटना-दीघा रेलखंड के दीघा हॉल्ट के समीप शिव रतन बिंद रहते हैं। अपने समुदाय के लिए काफी कार्य किया करते हैं। गरीब बच्चों की सामूहिक शादी का आयोजन करते हैं। उनका कहना है कि हम लोगों की संख्य 45 लाख है। इसमें जेठहु बिन्द, बेलदार बिन्द और खरा बिन्द शामिल हैं। इस समुदाय के 75 प्रतिशत परिवार बीपीएल में हैं। मात्रः 25 प्रतिशत ही एपीएल में हैं। 
   
आगे कहते हैं कि यह घोर विडम्बना है। कि हम लोगों की जाति में से अधिकांश लोग भारत के ही लोग बनकर रह गये हैं। खुद का चूल्हा हिलाकर अन्य लोगों यानी इंडिया के लोगों की चौखट मजबूत किया करते हैं। मानो सेवा करने के लिए ही बनाये गये हैं। अब तो आधुनिक मशीन मैदान में आ जाने से मिट्टी की कटाई भी कम होने लगी है। महात्मा गांधी नरेगा में भी काम नहीं मिलता है। मजदूरी भी कम कर दिया गया है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो बिन्द समुदाय की बुनियाद ही कमजोर है। इसके कारण ही मकान की बुनियाद काटने वाले शख्स के परिवारों की स्थिति भी कमजोर से कमजोर होती चली जा रही है। सामाजिक-आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण भूत,भविष्य और वर्तमान खराब हो गया है। 
बिहार प्रदेश बिन्द विकास महासंघ की बैठक में बिन्द समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्तर में निरंतर गिरावट आने को लेकर चिंता व्यक्त की गयी। इस समुदाय को खेवनहार की तलाश है जो डूबती नैया को पार लगा दें। इस बैठक में महासंघ के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद बिन्द, जिला रोहतास सोमनाथ बिन्द, बक्सर के नन्द जी चौधरी उर्फ गांधी जी, बोकारो के दामोदर महतो, जिला गया के रामधीरज महतो, रामशंकर महतो, शिव रतन निषाद,उमा शंकर आर्य,उदय कुमार सिंह,ब्रजराज सिंह, विजय प्रताप सिंह, राजेन्द्र प्रसाद आदि लोग उपस्थित थे।



---अलोक कुमार---
पटना 

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