पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर दीघा में चला हथौड़ा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 24 अप्रैल 2013

पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर दीघा में चला हथौड़ा


परिवार के पेट पालने वाले लोग सड़क पर


पटना। अभी हाल में ही दीघा आई.टी.आई.के परिसर में विमेंस इंडस्ट्रीयल टेªनिंग इंस्टी्च्यूट का उद्घाटन किया गया है। इस इंस्ट्ीच्यूट की चहारदीवारी के सामने ही कुछ लोग दुकान खोल रखे हैं। सभी दुकानदार कोई चार दशक से दुकान सजा रहे हैं। यहां से जो आमदनी होती थी उससे परिवार के जीविकोपार्जन किया करते थे। आज की कार्रवाई से परिवार के पेट पालने वाले लोग सड़क पर आ गये हैं। प्रभावित मुन्ना ठाकुर, अनिल ठाकुर, सालिक ठाकुर, मनोज ठाकुर , मो. अकबर, मो. नसीम आदि  दुकानदारों को उक्त इंस्ट्ीच्यूट की प्राचार्या आशा सिन्हा ने कह रखी थी कि आप लोग चहारदीवारी के सामने से दुकान हटा ले। जब दुकानदारों ने दुकानों को नहीं हटाएं तो प्राचार्या ने पटना सदर प्रखंड के अंचलाधिकारी महोदय को उचित कार्रवाई करने का आग्रह किये। अंचलाधिकारी महोदय ने इस संबंध में विभागीय कार्रवाई करने के सिलसिले में दुकानदारों के नाम से नोटिस प्रेषित किये। इस नोटिस के खिलाफ दुकानदारों ने जुलाई 2012 को अधिवक्ता के माध्यम से अंचलाधिकारी महोदय जवाब दिये। प्रेषित आदेश को अमल करने में शिथिलता बरती गयी। कारण मामला अंचलाधिकारी महोदय के कार्यालय में विचाराधी है। 

इधर आज पूर्वाह्न 11 बजे दीघा आई.टी.आई. के सामने जेसीबी मशीन और भारी संख्या में पुलिसकर्मी एकत्र हो गये। माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश को तामील करने आये थे। सभी पुलिसकर्मी और अफसर कहते रहे कि आज कोई रोक नहीं सकेगा। हम लोग मजबूर हैं। जल्द से जल्द दुकानों से समान निकालकर खाली कर दें। इतना कहने के बाद जेसीबी मशीन की कहर चलने लगा।  इस संदर्भ में मनोज ठाकुर का कहना है कि पटना सदर प्रखंड के सीओ के पास मामला माह जुलाई 2012 से विचाराधीन है। इसके बावजूद भी हम लोगों की दुकानों को तोड़ दी जा रही है। पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गयी। न ही किसी तरह का मुआवजा ही दी जा रही है। एक ही झटके में आसमान से उठाकर धरती पर धड़ाम से पटक दिया गया। यहां कोई 13 प्रकार की दुकाने थी। सैलून,जूता-चम्मपल बनाने, खैनी, किराना दुकान आदि थी। एक विकलांग खैनी बेचकर जीविका चलाता थ। तमाम दुकानों को जेसीबी से ढाह देने से मर्माहत लोगों ने आज का दिन को काला बुधवार कहने लगे। चार दशक से हजामत बनाकर परिवार के चूल्हा जलाने वाले लोगों के चूल्हे जले ही नहीं। दुकान तोड़ देने के कारण घर में मातम पसर गया। बुढ़ी माता के आंख के सामने ही दुकानों को धूल में मिला दी गयी। एक-एक हथौड़ा बुढ़ी माता की काया को झकझौर के रख दी। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर आज एक दर्जन दुकानदारों की दुकानों को मिट्टी में मिला दी गयी। अतिक्रमणकारी के खिलाफ दो घंटों की कार्रवाई करने पर परिवार के पेट पालने वाले लोग सड़क पर आ गये।  



--- अलोक कुमार---
पटना 

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