आंध्र प्रदेश में विपक्षी दलों द्वारा बिजली शुल्क में बढ़ोत्तरी के खिलाफ बुलाए गए बंद से मंगलवार को सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा वाहनों का संचालन प्रभावित करने के बाद राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की बसों का संचालन राज्य के अधिकांश हिस्सों में रोक दिया गया। कई शहरों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। हैदराबाद में बंद का मिलाजुला प्रभाव देखने को मिला।
राज्य के वाम मोर्चे ने 'बंद' का आह्वान किया है। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य विपक्षी दलों ने इसका समर्थन किया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और अन्य वाम दलों के नेताओं ने जब हैदराबाद में महात्मा गांधी बस स्टेशन पर बसों को रोकने की कोशिश की तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
भाकपा के राज्य सचिव के. नारायण ने कहा कि बिजली के मूल्यों में बढ़ोत्तरी वापस लेने और राज्य के बाहर से बिजली खरीदने के लिए बिजली वितरण कंपनियों द्वारा लगाए बिजली अधिभार को हटाए जाने तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा। विपक्षी दल आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के हैदराबाद, विशाखापटनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति और अन्य शहरों के डिपो के अंदर और बाहर धरने पर बैठे। परीक्षाओं के मद्देनजर शैक्षणिक संस्थानों को बंद से दूर रखा गया है।
राज्य की सत्तारुढ़ कांग्रेस सरकार ने बंद बुलाने के लिए विपक्ष की आलोचना की है। सत्ताधारी दल के नेताओं ने कहा कि सरकार ने पहले ही एक महीने में 200 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर शुल्क में बढ़ोत्तरी से गरीबों को मुक्त रखकर राहत दे दी थी।
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