दिल्ली में होने वाली जद(यु) की बैठक पर सबकी नजर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 12 अप्रैल 2013

दिल्ली में होने वाली जद(यु) की बैठक पर सबकी नजर


लोकसभा चुनाव होने में अभी लगभग एक साल बाकी है, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर मचा घमासान थमता नहीं दिख रहा है। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर शनिवार और रविवार को जनता दल (युनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में होने वाली है।  भले ही यह बैठक दिल्ली में होने वाली है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें लिए जाने वाले फैसले दिल्ली की राजनीति के साथ-साथ बिहार की सियासत में भी बदलाव ला सकते हैं। यही कारण है कि राजग की मुख्य घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित अन्य विपक्षी दलों की भी निगाहें इस बैठक पर लगी हुई हैं।

विपक्षी दल जदयु नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान को बहुत अहमियत दे रहे हैं, जिसमें उन्होंने किसी धर्मनिरपेक्ष छवि वाले नेता को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की बात कही थी। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) हालांकि न तो भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी और न ही नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मानता है। राजद के महासचिव और सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि नीतीश धर्मनिरपेक्ष छवि वाले नेता की बात कर रहे हैं, लेकिन वह पूरे देश को सांप्रदायिकता की आग में धकेलने वाले आडवाणी को अच्छा नेता बता रहे हैं। जदयु की होने वाली बैठक में नीतीश की हकीकत सामने आ जाएगी।

जदयु की बैठक के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता और बिहार के मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "यह लड़के-लड़की की छुपा-छिपी का खेल नहीं है। अभी तक जदयु सबके सामने भाजपा से मिलकर सरकार चला रही है। बैठक में जो भी निर्णय होगा, वह सभी के सामने होगा। वैसे अभी कोई जल्दबाजी नहीं है। अभी तो किसी पार्टी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय नहीं किया है। ऐसे में इतनी जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए।" उधर, कांग्रेस नेता उमाकांत सिंह ने कहा कि नीतीश भाजपा को छोड़कर सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ने आएं तो नए राजनीतिक समीकरण पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी नीतीश सांप्रदायिक शक्तियों के साथ हैं। दिल्ली में होने वाली बैठक में क्या होता है, यह देखना होगा।

इस बीच, जदयु के एक नेता ने कहा कि बैठक में पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को यह साफ संदेश दे सकती है कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए किसी सांप्रदायिक छवि वाले व्यक्ति को स्वीकार नहीं करेगी। जदयु के कई नेता विभिन्न मौकों पर यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी स्वीकार्य नहीं हैं। राजग की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने सोमवार को कहा था कि सब कुछ शनिवार और रविवार को दिल्ली में होने वाली जदयु की बैठक में तय होगा।

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