जनता दल (यूनाइटेड) ने शनिवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संकेत दिया है कि वह 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तत्काल दबाव नहीं बनाएगी। हालांकि जद (यू) गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपने रुख पर कायम है। जद (यू) की बैठक शुरू होने के कुछ ही घंटे बाद पार्टी प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी भाजपा को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए कुछ समय दे सकती है।
जद (यू) के अन्य नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि पार्टी की बैठक में मोदी के उम्मीदवार चुने जाने की सम्भावना पर विचार-विमर्श नहीं किया गया। तिवारी ने सवालिया लहजे में कहा, "मोदी पर चर्चा क्यों की जाएगी।" उधर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि दोनों दलों के बीच जो भी मुद्दे होंगे, उन्हें सुलझा लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार भाजपा तथा जद (यू) के वरिष्ठ नेताओं के बीच गुप्त बातचीत हुई। सूत्रों ने बताया कि राजनाथ ने जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की।
जद (यू) सूत्रों ने बताया कि पार्टी अपना राजनीतिक प्रस्ताव भी तैयार कर रही है, जिसे रविवार को प्रस्तुत किया जाएगा। जद (यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को दिल्ली में शुरू हुई तथा रविवार को पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। राजनीतिक गलियारे में अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में मोदी का विरोध करने के साथ ही जद (यू) जल्द से जल्द प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुने जाने के लिए दबाव बना सकता है।
जद (यू) सूत्रों ने कहा कि पार्टी भाजपा के साथ एक साझा राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत गठबंधन के रूप में काम कर रही है और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों से समझौता नहीं करेगी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में वर्तमान राजनीकि परिदृश्य और आर्थिक एवं विदेश नीति पर प्रस्ताव लाया जाएगा। पार्टी सांस्थानिक मुद्दों एवं चुनावी चुनौतियों पर भी चर्चा करेगी, जिसके अंतर्गत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव तथा 2014 के लोकसभा चुनाव पर विचार-विमर्श किया जाएगा। जद (यू), भाजपा के बाद एनडीए का सबसे बड़ा घटक दल है। जद (यू) के लोकसभा में 20 सांसद हैं।
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