दिल्ली पुलिस ने अपने उन अधिकारियों के खिलाफ त्वरित जांच का भरोसा दिलाया जिन्होंने बलात्कार पीड़ित पांच साल की बच्ची के परिजन की मदद नहीं की और मामले को दबाने के लिए उन्हें रिश्वत की पेशकश की। दिल्ली पुलिस की यह जांच एक विशेष अदालत द्वारा इस मामले की सुनवाई के साथ-साथ होगी।
पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों के बीच बांटे गए एक पर्चे में दिल्ली पुलिस ने यह वादा किया है। प्रदर्शनकारी पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर इलाके में पांच साल की एक बच्ची से बलात्कार के सिलसिले में दिल्ली पुलिस के आयुक्त नीरज कुमार के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। पीड़िता को त्वरित न्याय दिलाने का यकीन दिलाते हुए पुलिस ने कहा कि एक त्वरित अदालत में आरोपी पर मुकदमा चलाया जाएगा।
पर्चे में कहा गया कि इस मामले को एक त्वरित अदालत को सुपुर्द कर दिया जाएगा ताकि जल्द से फैसला आ सके और दोषी को सजा मिल सके। पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का हवाला देते हुए पर्चे में कहा गया, एक महिला प्रदर्शनकारी से र्दुव्यवहार करने वाले सहायक पुलिस आयुक्त के साथ-साथ गांधीनगर थाने के एसएचओ और पहले जांच अधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों के बीच बांटे गए पर्चे में कहा गया, दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ त्वरित जांच की जाएगी और नियम-कायदों के मुताबिक ही उन्हें सजा दी जाएगी। दिल्ली पुलिस ने इस मुद्दे पर जनता से सुझाव भी मांगे हैं। दो दिन पहले स्वामी दयानंद अस्पताल में एक महिला प्रदर्शनकारी को थप्पड़ मारने वाले एसीपी बीएस अहलावत को निलंबित कर दिया गया था। एसएचओ धर्मपाल और जांच अधिकारी महावीर सिंह को कर्तव्य में शिथिलता बरतने के लिए उस वक्त तक के लिए निलंबित कर दिया गया है जब तक उनके खिलाफ जांच चल रही है। पीड़िता के परिवार ने भी आरोप लगाया था कि एक पुलिसकर्मी ने मामले को दबाने की एवज में उन्हें 2,000 रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें