भ्रष्टाचार लोकतंत्र के लिए खतरा : प्रणब मुखर्जी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 6 अप्रैल 2013

भ्रष्टाचार लोकतंत्र के लिए खतरा : प्रणब मुखर्जी


राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को यहां कहा कि भ्रष्टाचार देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए एक खतरा है और यह समानता लाने के प्रयासों को विफल कर देता है। राष्ट्रपति, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आयोजित 14वां डी.पी. कोहली स्मृति व्याख्यान दे रहे थे। सीबीआई की स्थापना डी.पी. कोहली ने ही की थी। कोहली ने 1963 से 1968 तक सीबीआई के निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दी थी। इस वर्ष सीबीआई अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर गई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल को अधिक सस्ता बनाने के लिए सरकार को काम करना चाहिए। राष्ट्रपति के व्याख्यान का शीर्षक था -गुड गवर्नेस : एम्पॉवरिंग इंस्टीट्यूशंस, सोसायटी एंड पब्लिक (अच्छा शासन : संस्थान, समाज एवं जनता को सशक्त बनाना)। प्रणब ने कहा कि देश चौराहे पर खड़ा है, और बदलाव की रफ्तार को कम नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अच्छे शासन के बुनियादी सिद्धांतों को देश के संस्थापकों ने संविधान में पहले से वर्णित कर रखा है।

राष्ट्रपति ने कहा, "अच्छे शासन का अर्थ होता है ऐसी व्यापक संरचना का अस्तित्व में आना, जो जनता की बेहतरी पर केंद्रित हो।" राष्ट्रपति ने कहा कि खराब शासन की जड़, बदलाव के प्रति हमारी सुस्त प्रतिक्रिया से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा, "अच्छा शासन, हमारा अटल लक्ष्य होना चाहिए।" उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को चाहिए कि वे आरोपों की जांच प्रक्रिया में तेजी लाएं। प्रणब ने कहा कि यद्यपि देश ने काफी विकास किए हैं, लेकिन सरकार के प्रभावपन जैसे मानकों में यह प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी पीछे है।

प्रणब ने कहा, "निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने की काफी गुंजाइश है।" उन्होंने कहा कि गरीबी अभी भी लगभग 30 प्रतिशत पर बनी हुई है। प्रणब ने कहा कि सस्ता स्वास्थ्य देखभाल प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि महंगी दवाओं एवं महंगी चिकित्सा सेवाओं के कारण कई लोग निर्धन हो जाते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ योजना से अधिक पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी।

प्रणब ने कहा, "भ्रष्टाचार हमारे देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए एक खतरा है। यह बराबरी लाने के प्रयासों को विफल कर देता है।" सीबीआई की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि समाज का हर वर्ग इसी एजेंसी से जांच चाहता है।  इस मौके पर राष्ट्रपति ने सीबीआई का स्वर्ण जयंती 'लोगो' भी जारी किया। और सीबीआई के छह अधिकारियों को उल्लेखनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया।

जम्मू में तैनात कांस्टेबल, भारत भूषण शर्मा को डी.पी. कोहली बेस्ट डिटेक्टिव कांस्टेबल अवार्ड प्रदान किया गया। सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा कि स्वर्ण जयंती आत्ममंथन का भी एक अवसर है और लोग उम्मीद करते हैं कि सीबीआई अधिक प्रभावीपन और तत्परता के साथ काम करे।

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