कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता को लेकर मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में कामकाज नहीं हो पाया। बीजेपी को जैसे ही अंदाज़ा हुआ कि संसद की स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में यूपीए के साथ एनडीए को भी कठघरे में खड़ा किया है ...उसने प्रधानमंत्री और कानून मंत्री से इस्तीफ़े की मांग तेज़ कर दी।
संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित होने से पहले हंगामा और शोरशराबा हुआ। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा किया।
लोकसभा और राज्य सभा में हंगामे के कारण कामकाज नहीं हो पाया। जहां दोपहर के समय ही लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई वहीं, राज्य सभा में दो बजे के बाद कार्यवाही स्थगित की गई। सदन की कार्यवाही में बाधा डालने वाले मुद्दे सबसे अहम कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर भाजपा की प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग रहा, लेकिन इसके अलावा चीनी घुसपैठ और पश्चिम बंगाल को आवंटन के लिए आवाजें भी उठीं।
लोकसभा में सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लद्दाख क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के खिलाफ विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य अध्यक्ष के आसन के नजदीक पहुंच गए, जिसके कारण कार्यवाही बाधित हुई।खबर है कि लद्दाख के उत्तरी क्षेत्र में भारतीय सीमा के तकरीबन 10 किलोमीटर अंदर लगभग 15-20 चीनी सैनिक 15 अप्रैल से ही एक शिविर बनाकर रह रहे हैं। चीन ने इस बात से इनकार किया है कि उसके सैनिकों ने सीमा पार भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया है। दोनों पक्षों के सैन्य कमांडर बीते सप्ताह ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत के लिए मिले थे, लेकिन वे गतिरोध दूर करने में नाकाम रहे।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी पश्चिम बंगाल के लिए विशेष पैकेज की मांग उठाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन के नजदीक पहुंच गए। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार जब सदन को व्यवस्थित नहीं कर पाईं, तो उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो भाजपा सदस्यों ने कोयला ब्लॉक आवंटन पर स्थायी समिति की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। सदस्यों ने कानून मंत्री अश्विनी कुमार को भी हटाए जाने की मांग की।
राज्य सभा में पहले दोपहर 12 बजे और फिर दोपहर दो बजे और अंतत: पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। मंगलवार को सदन में कार्यवाही शुरू होने के बाद 24 अप्रैल को मनाए जाने वाले पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य में अंसारी ने सदन की ओर से विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों को शुभकामनाएं दीं। अंसारी ने कहा, "73वें संशोधन का प्रभाव ग्रामीण भारत पर आज स्पष्ट नजर आता है क्योंकि इसने ग्रामीण स्तर पर लोगों को सत्ता हस्तांतरित की है।"
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