समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के रिश्तों में आई खटास का असर अब रायबरेली और अमेठी में बिजली आपूर्ति पर दिखने लगा है. उत्तर प्रदेश विद्युत निगम के आदेश पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों में बिजली कटौती शुरू कर दी गई है.
रायबरेली और अमेठी में बिजली कटौती को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है. पहले इस क्षेत्र में 24 घंटे बिजली सप्लाई होती थी लेकिन अब यहां बिजली कटौती की घोषणा कर दी गई है. गुरुवार से यह कटौती हो रही है.
अखिलेश सरकार और कांग्रेस के बीच रिश्तों की खटास का असर अब रायबरेली और अमेठी की जनता को भुगतना पड़ेगा. यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र क्रमश: रायबरेली और अमेठी अभी तक उन नौ शहरों (इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, रामपुर, आगरा, लखनऊ और सम्भल) में शामिल थें, जहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति होती थी. करीब नौ महीने पहले सोनिया ने सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से इस संबंध में आग्रह किया था, जिसके बाद इन दोनों शहरों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति होने लगी थी लेकिन गुरुवार रात से यहां करीब चार घंटे की कटौती शुरू हो गई है.
उत्तर प्रदेश विद्युत निगम ने बिजली की कमी का जिक्र करते हुए अन्य शहरों की तरह अमेठी और रायबरेली में भी कटौती के निर्देश दिए हैं. हालांकि आधिकारिक रूप से कोई अधिकारी इस पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. अधिकारियों ने केवल इतना कहा है कि बिजली की मांग में एकाएक हुई वृद्धि के कारण तात्कालिक रूप से कटौती की जा रही है. स्थिति में सुधार होने के बाद कटौती के आदेश वापस ले लिए जाएंगे.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है. प्रदेश प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि यह पूरी तरह से राजनीतिक मामला है. यदि बिजली की कमी के कारण कटौती होनी है तो अन्य शहरों में भी ऐसा किया जाना था.
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