संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू होने जा रहा है और ऐसे में सरकार के सामने चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है जब विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट तथा कोयला घोटाले से संबंधित सीबीआई की रिपोर्ट में विधि मंत्रालय के कथित हस्तक्षेप पर विरोध का फैसला कर लिया है।
सरकार ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मुख्य विपक्षी दल से संपर्क साधकर संसद सत्र में शांतिपूर्ण कामकाज के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश तो की लेकिन खबरों में नए-नए खुलासों से उसके लिए हालात मुश्किल वाले हो सकते हैं। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जेपीसी रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें 2जी मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को क्लीनचिट दे दी गई है।
भाजपा रिपोर्ट में लगाए गए इन आरोपों से भी नाराज है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की दूरसंचार नीति के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। वाम दल भी रिपोर्ट से नाखुश हैं और उन्होंने संसद में अपना असंतोष जाहिर करने का फैसला किया है। कोयला घोटाले में सीबीआई की रिपोर्ट में कानून मंत्रालय के हस्तक्षेप की खबरों को लेकर भी भाजपा तथा वाम दल असंतुष्ट हैं।
विपक्ष का कहना है कि घोटाले के तार प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े हैं और वह सरकार को घेरने का यह मौका नहीं जाने देगा। मनमोहन सिंह सरकार 10 मई को समाप्त हो रहे बजट सत्र के शेष चरण में कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना चाहती है। भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कांग्रेस और भाजपा में सहमति बन गई है और इस पर चर्चा हो सकती है। लंबे समय से लंबित खाद्य सुरक्षा विधेयक, बीमा और पेंशन विधेयक को भी लाया जा सकता है। सरकार विपक्षी दलों को मनाने और इन विधेयकों को पारित कराने की उम्मीद कर रही है। वाम दल इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। माकपा नेता प्रकाश करात ने मांग की है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को स्थाई समिति को या एक संयुक्त प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए। भाजपा बीमा और पेंशन विधेयकों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के खिलाफ है लेकिन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने उसका समर्थन हासिल करने का विश्वास जताया है।
दिल्ली में पांच साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की वीभत्स घटना को भी जोरशोर से संसद में उठाया जा सकता है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में अपराधियों को मौत की सजा दिये जाने की मांग की है। सुषमा ने नए दुष्कर्म रोधी कानून को और अधिक सख्त बनाने की वकालत की।
सरकार को सत्र के दौरान सपा और बसपा को भी साधकर चलना होगा जिनका बाहरी समर्थन उसके लिए बहुत महत्व रखता है। वित्त विधेयक और कुछ अनुदान की मांगें अभी पारित होना बाकी हैं इसलिए सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगी। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से संप्रग सरकार को संबंध टूटने का खतरा जब तक सामने नजर आता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सूखे का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र को 4,400 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। मुलायम प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की मांग कर रहे हैं।
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