उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर के बन्नादेवी थाना क्षेत्र में एक लापता छह वर्षीय बच्ची का शव तड़के कूडे के ढेर से बरामद होने के बाद उत्तेजित नागरिकों और पुलिस में हुए संघर्ष में दो पुलिसकर्मियों समेत सात लोग घायल हो गये।
लापता बच्ची का शव मिलने के बाद उत्तेजित नागरिकों ने बन्नादेवी पुलिस थाने को घेरकर पथराव किया और अलीगढ़-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर रास्ता जाम कर दिया, जिसके बाद भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया तथा कथित रूप से हवा में गोलियां चलाईं।
पुलिस प्रवक्ता ने पुलिस द्वारा गोली चलाये जाने की बात का खंडन करते हुए कहा है कि इस संघर्ष में सात लोग घायल हुए है, जिनमें दो महिलाएं और दो पुलिसकर्मी शामिल हैं। घायलों की संख्या ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कुछ लोग निजी अस्पतालों में भी चले गये हैं। मृतक बच्ची के परिजनों का आरोप है कि उनकी बच्ची के साथ दुराचार भी हुआ है। प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि उन्हें घटना की जानकारी मिली है और मामले की जांच अलीगढ़ के पुलिस उप महानिरीक्षक प्रकाश डी़ को सौंपी गयी है।
पुलिस लाठीचार्ज में महिलाओं के साथ मारपीट एवं अभद्रता किये जाने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पुलिस उप महानिरीक्षक को मामले के सभी पहलुओं की जांच करके तीन दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। जांच में जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। अलीगढ़ के पुलिस उप महानिरीक्षक प्रकाश डी ने संपर्क करने पर बताया कि कतिपय चैनलों पर आयी यह खबर गलत है कि भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पडी। उन्होंने हल्के लाठीचार्ज की बात मानते हुए कहा कि पथराव और लाठीचार्ज में किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आयी है।
यह कहते हुए कि लड़की के साथ दुराचार की पुष्टि उसके शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पायेगी, प्रकाश ने कहा कि घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करके मामले की छानबीन की जा रही है।
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