सीबीआई ने अदालत को बताया है कि पांच साल पहले आरुषि तलवार की सनसनीखेज हत्या उसके माता-पिता डॉ. राजेश और नूपुर तलवार ने की थी। अपराध के समय बाहर का कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। हालांकि सीबीआई ने यह भी कहा कि उन दोनों के खिलाफ ठोस सबूत नहीं हैं।
अतिरिक्त न्यायाधीश एस लाल के सामने अपनी गवाही में सीबीआई के जांच अधिकारी ए जी एल कौल ने बताया कि उनकी जांच से यह खुलासा हुआ है कि मकान में किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था। कौल ने मामले में सीबीआई जांच का नेतृत्व किया था। एजेंसी के वकील आर के सैनी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरूषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे। कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी, लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की श्रृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं, लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे। मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपति को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था।
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