राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच को एक बताया और कहा कि दोनों ही अपने अपने राज्यों में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने शुक्रवार को कहा कि कुमार और मोदी दोनों ही एक सोच के व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह मोदी ने टोपी और साफा लेने से गुजरात में इंकार किया था ठीक उसी तरह वर्ष 2011 में कुमार ने भी सिंगापुर से लौटने के बाद पटना हवाई अड्डे पर जनता दल यूनाईटेड अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मोहम्मद सलाम की ओर से भेंट की गई टोपी और साफा को लेने से इंकार कर दिया था।
अहमद ने कहा कि दोनों ही नेता विकास के लिए गुजरात और बिहार मॉडल की बात करते है लेकिन इन दोनों मॉडल से आम जनता परेशान है। गुजरात मॉडल अल्पसंख्यकों पर अत्याचार तो बिहार मॉडल पिछड़ो, अति पिछड़ो, दलितों और अकलियतों की विकास योजनाओं में लूट से संबंधित है। उन्होंने कहा कि दोनों ही अब एक दूसरे पर आरोप लगाकर लोगों का ध्यान अपनी सरकार की विफलताओं से हटाना चाहते हैं। राजद नेता ने कहा कि दोनों ही नेता की नजर अपने-अपने वोट बैंक को दुरूस्त करने पर है। उन्होंने कहा कि कुमार अटल बिहारी वाजपेयी के जिस राजधर्म की आज बात कर रहे है यदि वर्ष 2002 के गुजरात दंग के समय उन्होंने भी राजधर्म का पालन किया होता तो गुजरात में नरेन्द्र मोदी की सरकार हट गई होती।
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