एकता परिषद के स्वयंसेवकों को मनरेगा के तहत होने वाले वृक्षारोन कार्यक्रम में जोड़ने की मांग उठने लगी है। समिति के निश्रावर स्वयंसेवकों को जोड़ने से मनरेगा में काम बेहतर ढंग से होने लगेगा। इससे पालीगंज अनुमंडल का नाम रौशन हो जाएगा। लगभग इसी तरह की मांग प्रगति ग्रामीण विकास समिति के तत्वावधान में एक दिवसीय महात्मा गांधी नरेगा के क्रियान्वयन हेतु आयोजित इन्टरफेस बैठक के दौरान की गयी । इसमें पालीगंज प्रखंड के 20 गांव के ग्रामीण प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिये। पालीगंज प्रखंड के प्रखंड समन्वयक बाबूलाल चौहान ने बैठक की षुरूआत की। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत जरूर ही काम मांगने के लिए आवेदन दिया जाता है। दुर्भाग्य से मनरेगाकर्मियों को काम करने के बाद भी कार्य करने का दाम नहीं मिलता है। आज भी किये गये कार्यों की मजदूरी राशि नहीं मिली है। इससे श्रमिकों की परेशानी बढ़ जाती है।
इस अवसर पर प्रखंड समन्वयक ने मनरेगा के दौरान वृक्षारोपन कार्यक्रम में एकता परिषद के स्वयं सेवकों को जोड़ने पर विचार किया गया। इस पर गहन मंथन किया गया। इसके अलावे भी ग्रामीणों ने यह विचार रखे कि हम लोग मनरेगा के तहत काम मांगने के लिए लिखित आवेदन पत्र प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा गठित आजीविका सहयोग केन्द्र में देते हैं। इस केन्द्र के माध्यम से भी मनरेगा में काम नहीं मिलता है। यह जरूर है कि केन्द्र के सदस्यों की पहलकदमी से कुछ लोगों को बकायी राशि मिल गयी है। अभी भी कुछ लोगों को नहीं मिला है। यहां के मेराढाड़ी नामक महादलित मुसहर समुदाय के टोला में रहने वाले सुदर्शन मांझी ने कहा कि इसमें काम करते हैं और परन्तु समय पर पैसा ही नहीं मिलता है। अगर मनरेगा के तहत निर्मित प्रावधानों का उल्लेखकर बेवक्त राशि की भुगतान करने के कारण हर्जाना की मांग श्रमिकगण करने लगेंगे तब समय पर मजदूरी भुगतान संभव हो सकता है। श्रमिकों के द्वारा आवेदन पत्र सौंपकर अधिकारियों पर दबाव बनाया जा सकता है। ऐसा करने से पैसा का भुगतान संभव हैं।
बातों-बातों में बैठक में महत्वपूर्ण और अहम बात सामने आयी कि अगर मनरेगा के श्रमिक किसी तरह से संगठित हो जाए तो कोई अधिकारी काम करवाकर काम के बदले में दाम करने में कौतही नहीं बरतेंगे। श्रमिक संगठन के बल पर काम के साथ-साथ पैसा भी समय पर लिया जा सकता है। बैठक में निकले मसले को लेकर श्रमिकों ने कार्यक्रम पदाधिकारी महोदय से भेंट करना उचित समझे। इसी लिए दोपहर समय की बैठक में आये मजदूरों ने पी.ओ. से मुलाकात करने चले गये। वहां पर जाने पर पी.ओ.साहब से मुलाकात नहीं हो सकी। उनके गैरहाजिर में कुछ रोजगार सेवक से बात की गयी। बातचीत के दौरान रोजगार सेवकों ने बताया कि सरकार के द्वारा नवीनतम आदेश है कि जिन-जिन पोस्ट ऑफिस में खाता खोला गया है। अब उन पोस्ट ऑफिस से मनरेगा की राशि का भुगतान नहीं होगी। आदेषा जारी कर वहां से पैसा निकासी की प्रक्रिया समाप्त कर दी गयी है। अब से सभी मनरेगा श्रमिकों को किसी बैंक में खाता बैंक खोलवानी पड़ेगी। आप सभी पोस्ट ऑफिस की खाता बंद करके बैंक में खाता खोलवा लें। इसमें हम लोग भरपूर सहयोग करेंगे। इसके बाद बेहतर सुझाव पाने और मनरेगा संबंधी समस्याओं को रखने श्रमिक पालीगंज प्रखंड के अनुमंडल पदाधिकारी के पास गये। जहां पर एसडीओ साहब ने महत्वपूर्ण विचार दिये कि अब से आप लोग बैंक से मनरेगा का पैसा का भुगतान पायेंगे। इसके लिए आप लोग कार्यक्रम पदाधिकारी एवं रोजगार सेवक से मिले। इसके अलावे मनरेगा में काम मांगने का आवेदन पेश करें।
---अलोक कुमार---
पटना
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