सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 14 दिनों से जारी अपना उपवास खत्म करने का ऐलान किया। बिजली और पानी के बढ़े बिल के मुद्दे पर उपवास कर रहे केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि वह शनिवार को शाम पांच बजे उपवास खत्म करेंगे। राष्ट्रीय राजधानी के सुंदर नगरी इलाके में उपवास कर रहे केजरीवाल ने कहा, "कल छह अप्रैल है और यह इस मायने में महत्वपूर्ण दिन है कि महात्मा गांधी ने 1930 में दांडी मार्च के बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन को शुरू करने के लिए इसी दिन को चुना था और नमक कानून तोड़ा था। मैं भी 6 अप्रैल को शाम पांच बजे उपवास का समापन करूंगा।"
केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी में बिजली और पानी के बढ़े बिल के विरोध में 23 मार्च से ही उपवास कर रहे हैं और इसे सत्याग्रह नाम दिया है। लगातार दो सप्ताह से सिर्फ पानी पर जी रहे केजरीवाल काफी कमजोर दिखे। उन्होंने कहा, "मैं समाजसेवी अन्ना हजारे की मौजूदगी में अपना उपवास तोड़ना चाहता था लेकिन वह इस समय अपने राष्ट्रव्यापी भ्रमण पर हैं। उन्होंने अपना आशीर्वाद भेजा है।"
पूर्वी दिल्ली के सुंदर नगरी में 'आप' समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "लगभग 10.5 लाख लोगों ने इस बात से सहमत होकर मांगपत्र पर दस्तखत किए हैं कि दिल्ली सरकार बढ़े हुए बिजली और पानी के बिल के जरिए लोगों को लूट रही है।" केजरीवाल ने कहा, "पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पक्ष में मतदान करने वाले ज्यादातर लोग बिजली और पानी की बढ़ी हुई दर को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। यदि उनका लोकतंत्र में विश्वास है तो मुझे लगता है कि उन्हें लोगों की मांग पूरी करनी चाहिए।"
विरोध प्रदर्शन के अगले चरण के बारे में संकेत करते हुए 'आप' संयोजक ने कहा, "पार्टी के कार्यकर्ता गरीब लोगों के कटे बिजली कनेक्शन को फिर से जोड़ने के लिए दिल्ली में घर-घर जाएंगे।"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें