बिहार की राजधानी पटना में पैसे लेकर नकली सर्टिफिकेट और दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. कंकड़बाग थाने की पीसी कालोनी डी-140 में छापखाना की आड़ में नकली दस्तावेज बनाये जा रहे थे.
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि नकली दस्तावेजों को दलालों के माध्यम से बेचा जाता था. उन्होंने बताया कि बरामद मतदाता पहचानपत्रों की जांच की जा रही है. उसकी जमानत रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी और तुरंत चाजर्शीट दायर कर स्पीडी ट्रायल कराया जायेगा.
एसएसपी की सूचना पर सदर डीएसपी मुत्तफीक अहमद के नेतृत्व में एक टीम ने ग्राहक बन कर अजय से संपर्क साधा. वह सर्टिफिकेट देने के लिए तैयार हो गया. पुलिस ने सूचना का सत्यापन करने के बाद छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. अजय पांच साल से इस धंधे में शामिल है. नकली सर्टिफिकेट एवं मतदाता पहचानपत्र बनाने के लिए इसने अपने घर में ही कंप्यूटर लैब बना रखा था. इसमें स्कैनर से लेकर फोटो स्टेट तक की मशीन मौजूद थी.
पुलिस ने छापेमारी कर नकली दस्तावेज बनाने वाले गिरोह के सरगना अजय कुमार सिंह को पकड़ लिया. उसके पास से पुलिस टीम ने दो कंप्यूटर, एक स्कैनर, 28 सीडी, एक फोटो स्टेट मशीन, एक प्रिंटर, कई शैक्षणिक संस्थानों के मैट्रिक से लेकर स्नातक, इंजीनियरिंग और मेडिकल के सर्टिफिकेट जब्त किये हैं. पांच पेन ड्राइव, काफी मात्र में पहचान पत्र, वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र, रेलवे परीक्षाओं का बुलावा पत्र भी मिले हैं.
अजय कुमार अक्तूबर, 2010 में भी अपने आवास से इसी गोरखधंधे के आरोप में पकड़ा गया था.जमानत मिलने पर वह फिर से नकली दस्तावेज बनाने के धंधे में लग गया था.
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